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Supreme Court का मस्जिद ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि शामिल करने से इनकार, याचिका खारिज

याची ने मस्जिद ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि शामिल करने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट की नजर में सरकारी प्रतिनिधि को शामिल करना जरूरी नहीं।

Dec 04, 2020 / 12:42 pm

Dhirendra

याची ने मस्जिद ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि शामिल करने की मांग की थी।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि शामिल करने के मुद्दे पर सुनवाई हुई। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद उत्तर प्रदेश के इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि को शामिल करने की मांग को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया। इससे साफ है कि सुप्रीम ने याची की राय से असहमति जताई है। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि राम मंदिर ट्रस्ट की तरह मजिस्द निर्माण के लिए बनी ट्रस्ट में भी सरकारी प्रतिनिधि होने चाहिए।
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बता दें कि याची ने जनहित याचिका दायर कर अयोध्या में राम मंदिर के बदले 5 एकड़ वैकल्पिक ज़मीन पर बन रही मस्ज़िद के ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि भी रखने की मांग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याची की मांग को खारिज कर दिया है। याचिका में कहा गया था कि जिस तरह राम जन्मभूमि ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि हैं उसी तरह मस्ज़िद के ट्रस्ट में भी सरकारी प्रतिनिधि हों।

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