याचिकाकर्ता की मांग पर जोर देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता कमेटी से इस मसले पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अब इस मसले की सुनवाई 25 जुलाई को होगी। मध्यस्थता कमेटी को अगले गुरुवार तक सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद ( Ram Mandir Babri Masjid Dispute) पर अब 25 जुलाई को सुनवाई होगी। अदालत के इस फैसले से इस विवाद में नया मोड़ आ गया है। मूल वादियों में से एक ने मध्यस्थता की जगह जल्द सुनवाई की मांग की थी।
मूल वादी गोपाल सिंह विशारद ने कहा है कि मध्यस्थता कमेटी काम नहीं कर पा रही है। इसलिए शीर्ष अदालत को ही इस निर्णय देने की जरूरत है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में 9 जुलाई को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद ( Ram Janambhoomi-Babri masjid ) मुद्दे पर सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान मूल वादियों में से एक गोपाल सिंह विशारद ने एक याचिका दायर कर अयोध्या विवाद ( ayodhya dispute ) पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मूल वादी गोपाल सिंह से कहा कि हम इस मुद्दे पर विचार करेंगे।
गोपाल सिंह की अर्जी पर आज होना है फैसला सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi ) की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने मूल वादी की अर्जी मंगलवार को स्वीकार कर ली थी। आज कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी कि इस मुद्दे पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है या नहीं।
CJI रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। सीजेआई रंजन गोगोई ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद ( Ram Janambhoomi-Babri masjid ) मामले के मूल वादियों में से एक गोपाल सिंह विशारद को इस मामले में जरूरी अर्जी दाखिल करने को कहा था।
कर्नाटक क्राइसिस: डीके शिवकुमार से नहीं मिलना चाहते बागी विधायक, होटल के बाहर धारा SC ने 8 मार्च को गठित की थी कमेटी राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद ( Ram Janambhoomi-Babri masjid ) विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ की मई में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को अपने फैसले में मामले में मध्यस्थता कमेटी को मंजूरी दी थी। जस्टिस कलीफुल्ला ( JUstice Kalifulla) की अध्यक्षता में इस कमेटी में वकील श्रीराम पंचू (Advocate Sriram Panchu) और आध्यात्मिक गुरु श्री-श्री रविशंकर (Spiritual Priest Shri Shri Ravishankar) शामिल हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने मेट्रो में महिलाओं के फ्री सफर के खिलाफ PIL किया खारिज, याची पर ठोका मई में जस्टिस खलीफुल्ला कमेटी ने मध्यस्थता को लेकर अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत के समक्ष दाखिल की थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खलीफुल्टा कमेटी को मध्यस्थता की पूरी रिपोर्ट विस्तार से देने को कहा था।