प्रवासी मजदूरों ( migrant Workers ) से जुड़ीं तमाम समस्याओं से ज़ुड़े मसले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने सुनवाई की।
इस दौरान केंद्र सरकार ( Modi Goverment ) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ( Solicitor General Tushar Mehta ) ने कोर्ट को प्रवासी मजदूरों की मौजूदा स्थिति के बारे में अवगत कराया।
वहीं, शीर्ष अदालत ने सरकार की ओर से मजदूरों के लिए की गए रेल टिकट ओर खाने-पीने के इंतजामों को लेकर सवाल किए।
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वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा कि क्या मजदूरों को रेल टिकटों का पैसा लिया जा रहा है?
इसके जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि कुछ जगहों पर टिकट का खर्च राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जा रहा है, जबकि कुछ राज्य में रेलवे यह पैसा रिइंबर्स कर रही है।
प्रवासी मजदूरों के मामले में काफी गंभीर दिखी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल ने सवाल किया कि इस बात की पुष्टि कैसे की जाए कि मजदूरों से पैसे की मांग नहीं की जा रही और उनको परेशानी भी नहीं उठानी पड़ रही है।
इस सवाल के जवाब के लिए सॉलिसिटर जनरल ने अदालत से समय मांगा है।
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