scriptकोरोना टीका नीति पर SC ने केंद्र को पुन: विचार करने का दिया निर्देश, कहा- इससे पैदा हो सकती है असमानता | Supreme Court directs Center govt to reconsider corona vaccine policy | Patrika News
विविध भारत

कोरोना टीका नीति पर SC ने केंद्र को पुन: विचार करने का दिया निर्देश, कहा- इससे पैदा हो सकती है असमानता

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि मौजूदा कोरोना टीका नीति पर पुन: विचार करें, यदि ऐसा नहीं किया गया तो इससे असमानता पैदा हो सकती है।

May 03, 2021 / 05:52 pm

Anil Kumar

supreme-court.jpg

Supreme Court directs Center govt to reconsider corona vaccine policy

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने चिंताएं बढ़ा दी है। वहीं कोरोना संक्रमण को फैसले से रोकने के लिए टीकाकरण अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। लेकिन कई राज्यों में वैक्सीन की कमी और अलग-अलग दाम का मामला सामने आने के बाद मुद्दा गरमा गया है।

अब सुप्रीम कोर्ट ने दखल देते हुए केंद्र सरकार से मौजूदा कोविड-19 मूल्य नीति पर फिर से विचार करने को कहा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि मौजूदा कोरोना टीका नीति पर पुन: विचार करें, यदि ऐसा नहीं किया गया तो इससे असमानता पैदा हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में इससे लोक स्वास्थ्य के अधिकार के लिए हानिकारक नतीजे होंगे।

यह भी पढ़ें
-

कोविड प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सोशल मीडिया पर न दबाए जाएं कोरोना SOS मैसेज

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि आज की तारीख में वैक्सीन निर्माताओं ने दो अलग कीमतों का सुझाव दिया है। इसके तहत, केंद्र के लिए कम कीमत और राज्य सरकारों को टीके की खरीद पर अधिक कीमत चुकानी होगी।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x811jnd

विभिन्न वर्गों के साथ नहीं किया जा सकता भेदभाव

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों को प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और नए निर्माताओं को आकर्षित करने के नाम पर वैक्सीन निर्माताओं से बातचीत करने के लिए बाध्य करने से 18-44 साल के लोगों को गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।

कोर्ट ने आगे कहा कि इस आयु वर्ग के लोगों में भी कई ऐसे होंगे जिनके पास पैसे नहीं हैं, जो बहुजन हैं या दलित और हाशिए के समूहों से संबंधित हैं। अदालत ने कहा कि टीकाकरण जनता की भलाई के लिए किया जा रहा है। हम विभिन्न वर्गों के नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं कर सकते हैं, जो कि समान समस्या का सामना कर रहे हैं।

एक सुझाव के तौर पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार 45 साल और उससे अधिक उम्र की आबादी के लिए मुफ्त टीका प्रदान करे, जबकि राज्य सरकारें 18 से 44 आयु वर्ग की जिम्मेदारी का निर्वहन करे, ऐसी वाणिज्यिक शर्तों पर वे आपस में बातचीत कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें
-

Covid vaccine: कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक लेने वालों को अब फ्री में मिलेगा दूसरा डोज : स्वास्थ्य मंत्रालय

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मौजूदा नीति की संवैधानिकता पर हम कोई निर्णायक फैसला नहीं दे रहे हैं। लेकिन जिस तरह से मौजूदा नीति तैयार की गई है, उससे संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित जन स्वास्थ्य के अधिकार के लिए हानिकारक परिणाम होंगे। इसलिए हमारा मानना है कि संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष बराबरी) और अनुच्छेद 21 (जीवन की सुरक्षा और निजी स्वतंत्रता) के पालन के साथ केंद्र सरकार को अपनी मौजूदा टीका नीति पर फिर से गौर करना चाहिए।’’

आपको बता दें कि मौजूदा समय में देशभर में दो स्वदेशी वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ का टीका लगाया जा रहा है। लेकिन अभी हाल ही में इन दोनों कंपनियों ने वैक्सीन की कीमत तय की है, जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। कंपनी के केेंद्र सरकार को राज्य सरकारों से कम कीमत पर वैक्सीन देने पर सवाल खड़े किए गए हैं।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x811ppt

Hindi News / Miscellenous India / कोरोना टीका नीति पर SC ने केंद्र को पुन: विचार करने का दिया निर्देश, कहा- इससे पैदा हो सकती है असमानता

ट्रेंडिंग वीडियो