वहीं इससे पहले जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा कि मामले में अनिल देशमुख को पक्षकार क्यों नहीं बनाया गया? पीठ ने यह भी पूछा है कि आप पहले हाईकोर्ट क्यों नहीं गए?
माना जा रहा है कि अब जल्दी ही परमबीर सिंह की ओर से बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की जा सकती है।
आपको बता दें कि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर की अर्जी पर सुनवाई से इनकार कर दिया है, लेकिन आरोपों को गंभीर बताया। यानी कोर्ट का ये कहना महाराष्ट्र सरकार की परेशानी बढ़ा सकता है।
1. सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह के वकील से पूछा कि आपने संबंधित विभाग को पक्ष क्यों नहीं बनाया है?
2. आपने अनुच्छेद 32 के तहत क्यों याचिका दाखिल की है, 226 तहत क्यों नहीं की?
इन सवालों के साथ ही परमबीर सिंह को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा गया।
सिंह ने आरोप लगाया है, ‘अनिल देशमुख ने अपने आवास पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाजे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस दौरान उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली करने का लक्ष्य दिया था। यही नहीं अलग-अलग प्रतिष्ठानों और अन्य स्रोतों से भी उगाही करने का निर्देश दिया था।