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याचिकाकर्ता ने अदालत से केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वह अनौपचारिक शिविरों में रह रहे रोहिंग्याओं के लिए विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय ( FRRO ) के माध्यम से शरणार्थी पहचान पत्र जारी करे। इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि रोहिंग्या शरणार्थियों को केंद्र सरकार एक योजना के तहत प्रत्यर्पित करना चाहती है। दूसरी तरफ इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि इस मामले में प्रशांत भूषण गलत तथ्य बता रहे हैं। उन्हें तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश नहीं करना चाहिए।