कर्नाटक के किशोरी इंदुकुरी ( Kishori Indukuri )एक ऐसे ही शख्स हैं जिन्होंने अपने दिल की सुनी और अमरीका की अच्छी नौकरी छोड़कर भारत चले आए। पेशे से आईआईटीयन किशोरी ने यहां आकर ना सिर्फ अपने दिल की सुनी बल्कि एक अच्छा खासा कारोबार भी खड़ा कर दिया।
आईए जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी ( Success Story ) जो उन युवाओं के लिए मिसाल है, जो अच्छी पढ़ाई के बाद विदेशों में जॉब और जिंदगी बनाने के पीछे भाग रहे हैं। यह भी पढ़ेँः Cyclone Tauktae ने गुजरात में भी मचाई तबाही, मुंबई में नेवी के जहान डूबने की खबर, कई लोग लापता
पेशे से इंजीनियर किशोर इनदुकुरी ने सिर्फ भारत लौटने और 20 गाय खरीदने के लिए अमेरिका में अच्छी तन्खवाह और आकर्षक नौकरी को छोड़ दिया. आज, उनका डेयरी फार्म बढ़कर 44 करोड़ रुपए की कंपनी बन गई है।
ऐसे शुरू हुआ सफर
आआईटी खड़गपुर से ग्रेजुएट इंदुकुरी का संबंध मूल रूप से कर्नाटक से है। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने अमरीका के मैसाचुएट्स यूनिवर्सिटी का रुख किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद किशोरी इंदुकुरी ने अमरीकी टेक कंपनी इंटेल में जॉब जॉइन कर ली। अच्छी नौकरी तो मिल गई, लेकिन इंदुकुरी के मन को संतोष नहीं था।
आआईटी खड़गपुर से ग्रेजुएट इंदुकुरी का संबंध मूल रूप से कर्नाटक से है। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने अमरीका के मैसाचुएट्स यूनिवर्सिटी का रुख किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद किशोरी इंदुकुरी ने अमरीकी टेक कंपनी इंटेल में जॉब जॉइन कर ली। अच्छी नौकरी तो मिल गई, लेकिन इंदुकुरी के मन को संतोष नहीं था।
6 साल बाद नौकरी को कही ना
इंदु किसी भी तरह अपनी जड़ की तरफ लौटना चाहते थे। इंटेल के साथ छह साल काम करने के बाद आखिरकार उन्होंने अमरीका में नौकरी को अलविदा कहा और वापस भारत आ गए।
इंदु किसी भी तरह अपनी जड़ की तरफ लौटना चाहते थे। इंटेल के साथ छह साल काम करने के बाद आखिरकार उन्होंने अमरीका में नौकरी को अलविदा कहा और वापस भारत आ गए।
ऐसे शुरू हुआ डेयरी फार्म
इंदु को भारत लौटते ही कोई बिजनेस करना था। उन्हें जल्द ही इस बात का एहसास हो गया कि भारत में अच्छे और स्वस्छ दूथ के विकल्प कम हैं। लिहाजा उन्होंने एक डेयरी फार्म शुरू करने का फैसला किया।
इंदु को भारत लौटते ही कोई बिजनेस करना था। उन्हें जल्द ही इस बात का एहसास हो गया कि भारत में अच्छे और स्वस्छ दूथ के विकल्प कम हैं। लिहाजा उन्होंने एक डेयरी फार्म शुरू करने का फैसला किया।
20 गायों से शुरू हुआ सफर
औरों की तरह इंदु की सफलता का सफर भी बहुत छोटी शुरुआत से ही हुआ। 2012 में उन्होंने महज 20 गायों के निवेश से शुरुआत की। उन्होंने खुद गायों के दूध दुहने से लेकर सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने लगे।
औरों की तरह इंदु की सफलता का सफर भी बहुत छोटी शुरुआत से ही हुआ। 2012 में उन्होंने महज 20 गायों के निवेश से शुरुआत की। उन्होंने खुद गायों के दूध दुहने से लेकर सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने लगे।
ऐसे किया पहला निवेश
किशोरी इंदु ने पहला निवेश परिवार के साथ फ्रीज और स्टोर सिस्टम स्थापित करने के लिए किया, ये सुनिश्चित करने के लिए दूध दूहने के समय से वितरण तक ज्यादा देर टिके। उसके बाद से उन्होंने मुड़कर पीछे नहीं देखा।
किशोरी इंदु ने पहला निवेश परिवार के साथ फ्रीज और स्टोर सिस्टम स्थापित करने के लिए किया, ये सुनिश्चित करने के लिए दूध दूहने के समय से वितरण तक ज्यादा देर टिके। उसके बाद से उन्होंने मुड़कर पीछे नहीं देखा।
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इंदुकुरी की मेहनत का ही नतीजा था कि सिर्फ 6 वर्षों में उन्होंने अपने काम में ऊंचाइयों को छू लिया। 2018 तक उनकी डेयरी फार्म हैदराबाद के आसपास छह हजार ग्राहकों को दूध की आपूर्ति करनेवाला बन गया।
इंदुकुरी की मेहनत का ही नतीजा था कि सिर्फ 6 वर्षों में उन्होंने अपने काम में ऊंचाइयों को छू लिया। 2018 तक उनकी डेयरी फार्म हैदराबाद के आसपास छह हजार ग्राहकों को दूध की आपूर्ति करनेवाला बन गया।
अपने बेटे सिद्धार्थ के नाम पर उन्होंने फार्म का नाम सिद रखा। मौजूदा समय में डेयरी फार्म ने अपने संचालन का विस्तार करते हुए 120 कर्मचारियों को शामिल किया है और सालाना 44 करोड़ की आय हासिल किया।
फार्म से रोजाना 10 हजार ग्राहकों को दूध की आपूर्ति की जाती है।
फार्म से रोजाना 10 हजार ग्राहकों को दूध की आपूर्ति की जाती है।
इतने प्रोडक्ट करते हैं तैयार
अपना फार्म पर इंदुकुरी गाय और भैंस के दूध से शुरू होकर अब कई तरह के प्रोडक्ट्स बना रहे हैं। इनमें घी, दही, ऑर्गेनिक पनीर, गाय का दूध और भैंस के दूध का विस्तार किया है।
अपना फार्म पर इंदुकुरी गाय और भैंस के दूध से शुरू होकर अब कई तरह के प्रोडक्ट्स बना रहे हैं। इनमें घी, दही, ऑर्गेनिक पनीर, गाय का दूध और भैंस के दूध का विस्तार किया है।