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जानें क्या है निरंकारी मिशन, जिसके भवन पर हुआ अमृतसर में ग्रेनेड से हमला

संत निरंकारी मिशन एक आध्यात्मिक संस्था है जिसका मुख्यालय दिल्ली के बुराड़ी में स्थित है।

Nov 18, 2018 / 03:34 pm

Saif Ur Rehman

जानें क्या है निरंकारी मिशन, जिसके भवन पर हुआ अमृतसर में ग्रेनेड से हमला

नई दिल्ली। पंजाब के अमृतसर में निरंकारी भवन पर ग्रेनेड से हमला हुआ है। इस हमले में तीन लोग मारे गए हैं, जबकि दस लोग घायल हुए हैं। हमले के बाद दिल्ली में भी निरंकारी भवन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बता दें कि संत निरंकारी मिशन एक आध्यात्मिक संस्था है जिसका मुख्यालय दिल्ली के बुराड़ी में स्थित है। निरंकारी मिशन विदेश तक फैला हुआ है।
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क्या है निरंकारी समुदाय?

संत निरंकारी मिशन स्वयं को न तो कोई नया धर्म मानते हैं और न ही किसी मौजूदा धर्म का हिस्सा, बल्कि वे खुद को मानव कल्याण के लिए समर्पित एक आध्यात्मिक आंदोलन के तौर पर देखते हैं। निरंकारी समुदाय की उत्पत्ति पंजाब के उत्तर-पश्चिम में बसे रावलपिंडी से हुई। इस समुदाय की स्थापना सहजधारी सिख बाबा दयाल सिंह और एक स्वर्ण व्यापारी ने की थी। ब्रिटिश राज में हालांकि इस समुदाय को दरकिनार कर दिया गया। बाद में 1929 में संत निरंकारी मिशन की अस्तित्व में आया। संत निरंकारी मिशन का आगाज 25 मई, 1929 को बाबा बूटासिंह से बाबा अवतार सिंह के पावन मिलन द्वारा हुआ। इस दिन बाबा अवतार सिंह ने बाबा बूटासिंह से ब्रह्मज्ञान प्राप्त किया था । दोनों ने 14 वर्षो तक साथ मिलकर आध्यात्मिक जागरूकता के मिशन को उन लोगों तक पहुंचाया, जो परमात्मा की पूजा परम अस्तित्व को जाने बिना ही कर रहे थे। 1943 में बाबा बूटासिंह के ब्रह्मलीन होने के बाद बाबा अवतार सिंह ने 20 वर्ष, बाबा गुरबचन सिंह ने 17 वर्ष तथा बाबा हरदेव सिंह ने 36 वर्ष निरंकारी मिशन की मुहिम को विश्वभर में फैलाया । इस समुदाय के करोड़ों अनुयायी भारत से लेकर विदेशों में फैले हैं। मिशन सामाजिक सरोकार से भी जुड़े कार्य करते हैं।
 

Nirankari
कौन है मिशन का प्रमुख?
2016 में निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह का कनाडा में एक सड़क हादसे हो गया था। उनके निधन पर पीएम मोदी ने भी शोक व्यक्त किया था। हरदेव सिंह के बाद संत निरंकारी मिशन की सामयिक सद्गुरु माता सविंदर हरदेव महाराज बनीं। दो साल के बाद जुलाई 2018 में सविंदर हरदेव महाराज ने अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होने का फैसला लिया। उन्होंने अपने स्थान पर सबसे छोटी बेटी सुदीक्षा को सद्गुरु एवं संत निरंकारी मिशन के आध्यात्मिक प्रमुख के रूप में घोषित किया है। बता दें कि 33 वर्षीय सुदीक्षा के पति अवनीश सेतिया की भी कनाडा में बाबा हरदेव सिंह के साथ सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।

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