गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस में राज्य सरकारों को टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की पॉलिसी को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया गया है। नई गाइडलाइंस एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक के लिए लागू होगी। केंद्र ने राज्यों से टेस्टिंग को बढ़ाने के आदेश दिए है। वहीं पॉजिटिव आए लोगों का इलाज सुनिश्चित करने को कहा है।
इसके साथ ट्रैक की पॉलिसी पर काम करने की आवश्यकता है। टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने पर आइसोलेट करने का आदेश दिया गया है। यही नहीं केंद्र सरकार ने कहा है कि जिला प्रशासन को माइक्रो लेवल पर कंटेनमेंट जोन तैयार करने पर जोर देना चाहिए।
ये भी पढ़ें: बढ़ा कोरोना संक्रमण तो बंद होने लगे स्कूल, स्थगित होने लगी परीक्षाएं, लॉकडाउन को लेकर आशंका यही नहीं सभी जिला अधिकारियों की ओर से डिस्ट्रिक्ट की वेबसाइट पर कंटेनमेंट जोन्स के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। यह लिस्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ भी समय-समय पर साझा करने को कहा गया है। मंत्रालय ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन वाले इलाकों में सख्ती के साथ हाउस टू हाउस सर्विलांस और कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग किए जाने की जरूरत है।
मंत्रालय ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन में नियमों के पालन के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही राज्य सरकारों की ओर से तय की जाएगी। कार्यक्षेत्र पर भी जरूरी नियमों का पालन करवाना राज्यों का अधिकार है। इसके अलावा राज्यों को जिला, तहसील और शहर या वार्ड के स्तर पर भी भी कोरोना से जुड़ी पाबंदियां तय करने का अधिकार दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन में नियमों के पालन के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही राज्य सरकारों की ओर से तय की जाएगी। कार्यक्षेत्र पर भी जरूरी नियमों का पालन करवाना राज्यों का अधिकार है। इसके अलावा राज्यों को जिला, तहसील और शहर या वार्ड के स्तर पर भी भी कोरोना से जुड़ी पाबंदियां तय करने का अधिकार दिया गया है।
एक से दूसरे राज्य में एंट्री पर पाबंदी नहीं केंद्र ने स्पष्ट किया है कि किसी भी राज्य के भीतर या फिर एक से दूसरे राज्य में आवागमन पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। इसके साथ मूवमेंट के लिए किसी भी तरह के अप्रूवल या फिर ई-परमिट की आवश्यकता नहीं है। नई गाइडलाइंस 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लागू रहेंगी।