Lockdown 3.0: रेलवे का अलर्ट- सांप्रदायिक झगड़े का अड्डा बन सकती हैं श्रमिक ट्रेनें शादी के कुछ दिनों पहले ही चले गए ड्यूटी चंद्रकांत सूद कहते हैं- 21 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर अनुज सूद (30) शादी के कुछ दिनों बाद ही ड्यूटी पर चला गया था। तीन तीन मई को घर आने का वादा उसने किया था। उसके आने की खबर से पूरा परिवार खुश था। लेकिन अनुज तीन मई को ही घर पहुंचा, लेकिन देश पर अपने प्राण न्योछावर करने के बाद। उसकी शहादत से मेरा सिर ऊंचा हुआ है।
कोटा में फंसे 540 छात्र दिल्ली लौटे, मजदूरों की घर वापसी कब ! सेना में जाना चाहती है शहीद की पत्नी दूसरी तरफ शहीद मेजर अनुज सूद की पत्नी आकृति सिंह ने सेना में जाने की इच्छा जताई है। हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 4 मई को वह अमरावती एंक्लेव स्थित शहीद के परिवार को सांत्वना देने गए थे। परिवार के सारे सदस्यों से बात हुई थी। इसी दौरान शहीद मेजर अनुज सूद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद ने बताया कि बहू आकृति भी सेना में जा सकती है क्योंकि उनका पूरा परिवार देश को समर्पित है।
Corona Lockdown 3.0: बंद पड़ी आवासीय फैक्ट्रियों को थमाए जा रहे बिजली के बिल, दिल्ली के गांवों ने मांगी राहत दोस्त बोला- ऐसा दोस्त मिलना बेहद मुश्किल इस मौके पर अनुज सूद के क्लासमेट रहे कमलजोत सिंह कहते हैं कि अनुज जैसा दोस्त मिलना बेहद मुश्किल है। वे दोस्तों पर जान छिड़कता था। स्कूल के दिनों से ही उसकी इच्छा आर्मी में जाने की थी। वह अपने पिता को अपना रोल मॉडल मानता था।
Coronavirus: केंद्रीय मंत्री की बेटी ने 10 हजार फौजियों के लिए बनाए खादी के मास्क ‘अब भी नहीं हो पाएगी बात’ कमलजोत बताते हैं कि कश्मीर में ड्यूटी के दौरान उनकी अनुज से फोन पर बात हुई थी। तब उन्होंने पूछा था कि वहां पर आतंकी खतरा ज्यादा है। इस पर अनुज ने कहा था कि ड्यूटी का असली मजा कश्मीर में ही है। उसके बाद काफी समय से अनुज से बात नहीं हुई, इस बात का मलाल रहेगा। अब कभी उससे बात नहीं हो पाएगी।
Coronavirus: पंजाब में स्कूल को बनाया गया 1000 बैड का आइसोलेशन केंद्र, कोरोना मरीजों का होगा इलाज हंदवाड़ा में शहीद हुए मेजर अनुज सूद जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में हुई आतंकी मुठभेड़ में शहीद मेजर अनुज सूद शहीद हुए हैं। मंगलवार को मेजर सूद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद ने बेटे के पार्थिव शरीर को कंधा दिया और उसके बाद मुखाग्नि दी। दो साल पहले शहीद अनुज की शादी हुई थी। उनका अभी कोई बच्चा नहीं था।