समुद्री लड़ाई में भारत और मजबूत, DRDO की SMART टॉरपीडो का सफल परीक्षण
DRDO ने ओडिशा के डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से सोमवार को किया परीक्षण।
पनडुब्बी नष्ट करने के लिए सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज टॉरपीडो (स्मार्ट) सिस्टम।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई, पानी के भीतर देगी नौसेना को मजबूती।
SMART: Supersonic Missile Assisted Release of Torpedo flight tests success by DRDO
नई दिल्ली। जल-थल-वायु में देश की सुरक्षा के साथ ही समुद्र के भीतर भी किसी भी खतरे से निपटने के लिए भारत ने सोमवार को एक बड़ी सफलता हासिल की है। भारत ने सोमवार को ओडिशा के तट से करीब 150 किलोमीटर दूर डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से ( smart ) सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज टॉरपीडो का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण के दौरान रेंज और ऊंचाई तक मिसाइल उड़ान, नोज कोन को अलग करने, टॉरपीडो की रिहाई और वेलोसिटी रिडक्शन मैकेनिज्म (वीआरएम) की तैनाती सहित सभी मिशन उद्देश्यों पूरी तरह से आशानुरूप पाए गए।
जुलाई 2021 तक भी COVID-19 Vaccine पूरे देश को नहीं मिल पाएगी! स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा का है यह मतलब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “DRDO ने सफलतापूर्वक सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज़ ऑफ टॉरपीडो (SMART) का परीक्षण किया है। यह पनडुब्बी रोधी युद्ध में स्टैंड-ऑफ क्षमता के लिए एक प्रमुख टेक्नोलॉजी सफलता होगी। मैं डीआरडीओ और इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए अन्य हितधारकों बधाई देता हूं।”
क्या है स्मार्ट स्मार्ट का मतलब मिसाइल की सहायता से पनडुब्बी नष्ट करने वाली हल्की टारपीडो प्रणाली को छोड़ना है, जो टारपीडो की सीमा से भी दूर पनडुब्बी रोधी युद्ध (एंटी-सबमरीन वारफेयर) के संचालन के लिए के इस्तेमाल की जाती है। यह लॉन्चिंग और प्रदर्शन एंटी-सबमरीन वारफेयर की क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
अनलॉक 5.0 के तहत आज से अलग-अलग प्रदेशों की अलग तैयारी, यह रही पूरी जानकारी इस बारे में जानकारी देते हुए डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कहा, “ASW में स्मार्ट एक गेम-चेंजर प्रौद्योगिकी प्रदर्शन है।” सोमवार को हुए परीक्षण के दौरान हुई की घटनाओं की निगरानी ट्रैकिंग स्टेशनों (रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सिस्टम) द्वारा तट के जरिये और डाउन रेंज शिप्स के साथ टेलीमेट्री स्टेशनों द्वारा की गई थी।
स्मार्ट के लिए जरूरी तकनीकी को विकसित करने में डीआरडीओ की डीआरडीएल, RCI हैदराबाद, एडीआरडीई आगरा, एनएसटीएल विशाखापत्तनम सहित कई प्रयोगशालाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे पहले इसी महीने DRDO ने लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। 22 सितंबर को किए गए सफल परीक्षणों के साथ केके रेंजेस (एसीसी एंड एस) अहमदनगर में एमबीटी अर्जुन से इसका परीक्षण आयोजित किया गया था।