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लेकिन क्या यह विधेयक वोट बैंक के लिए ये लाया जा रहा है, अगर इस मंशा से किया जा रहा है तो यह देशहित के लिए सही नहीं है। शिवसेना ने कहा कि नागरिकता जिन्हें दी जाएगी उन्हें वोट बैंक का अधिकार नहीं दिया जाए।
क्या यह देशहित के लिए है या फिर वोटबैंक के लिए- शिवसेना
शिवसेना नेता संजय राउत ने सामना के जरिए लिखा कि यह सच है कि हिंदुओं के पास भारत के अलावा कोई दूसरा राष्ट्र नहीं है। दूसरे देशों में हिंदुओं पर अत्याचार लगातार जारी है। इसके लिए गृहमंत्री अमित शाह और पीएम मोदी को उन देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत कर जुल्म को रोकना चाहिए। शिवसेना ने सामना के संपादकीय में कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाया है। संपादकीय में लिखा गया है कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में लाने के लिए सरकार कुछ कर रही है या नहीं।
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भारत की अर्थव्यवस्था पर सरकार ध्यान दे-शिवसेना
सामना के संपादकीय में सरकार की सोच पर सवाल खड़े करते हुए लिखा गया है कि क्या भारत में समस्याएं कम है जो हम लोग दूसरे देश के लोगों का तनाव ले रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था गिरती जा रही है और सरकार नागरिकता मुद्दा उठाकर दूसरे देश के लोगों को भारत की नागरिकता दे रही है। ऐसे में यह सब जानना जरूरी हो जाता है कि क्या यह सब राष्ट्रीय हित का मसला है या फिर वोट बैंक की राजनीति का।