West Bengal: ब्रिगेड ग्राउंड में गरजे पीएम, कहा-ममता सिर्फ एक ही भतीजे की बुआ तक सीमित क्यों? साथ ही कहा कि इमरजेंसी का मुद्दा पुराना हो चुका है। जनता इंदिरा गांधी को सबक सिखा चुकी है और बाद में माफी देते हुए वापस सत्ता भी सौंपी। शिवसेना ने कहा कि बार-बार इमरजेंसी के मुद्दे को ही क्यों पीसना है।
शिवसेना के अनुसार इमरजेंसी में जिन लोगों को परेशानी हुई, लोगों को जो जुल्म सहना पड़ा, उस पर इंदिरा गांधी ने खेद प्रकट किया है। उन्होंने खुले तौर पर कहा कि इमरजेंसी फिर से लागू नहीं की जाएगी।
शिवसेना के अनुसार आज की स्थिति को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि इमरजेंसी ठीक थी। मुखपत्र सामना के कॉलम में लिखा, ”इमरजेंसी की घटना गलत थी, यह मेरी दादी ने माना है। अभी के समय में देश की परिस्थिति उस समय की तुलना में पूरी तरह से अलग है, ऐसा मत राहुल गांधी ने व्यक्त किया है। राहुल गांधी सरल एवं खुले दिलवाले हैं।
इमरजेंसी पर उन्होंने सहजता से बोल दिया और उस पर पिसाई शुरू हो गई, चर्चा शुरू हो गई।” उस समय का जिन पर साया भी नहीं पड़ा, ऐसे लोग मंत्रिमंडल में हैं। शिवसेना ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग आज भी इमरजेंसी के नाम पर चक्की पीस रहे हैं और इस पर आश्चर्य होता है।