गोपाल सिंह की अर्जी स्वीकार फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi ) की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने वादी की अर्जी स्वीकार कर ली है। सीजेआई रंजन गोगोई ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद ( Ram Janambhoomi-Babri masjid ) मामले के मूल वादियों में से एक गोपाल सिंह विशारद को इस मामले में जरूरी अर्जी दाखिल करने को कहा है।
SC ने 8 मार्च को गठित की थी मध्यस्थता कमेटी इससे पहले राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद ( Ram Janambhoomi-Babri masjid ) विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ की मई में सुनवाई हुई थी। मई में जस्टिस खलीफुल्ला कमेटी ने मध्यस्थता को लेकर अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत के समक्ष दाखिल की थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खलीफुल्टा कमेटी को मध्यस्थता की पूरी रिपोर्ट विस्तार से देने को कहा था।
Karnataka Crisis: झुकने को तैयार नहीं असंतुष्ट MLA, कुमारस्वामी कुछ मंत्रियों से ले सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को अपने फैसले में मामले में मध्यस्थता को मंजूरी दे दी थी और तीन मध्यस्थों की नियुक्ति भी की थी। इन मध्यस्थों में जस्टिस कलीफुल्ला ( JUstice Kalifulla), वकील श्रीराम पंचू (Advocate Sriram Panchu) और आध्यात्मिक गुरु श्री-श्री रविशंकर ( Spiritual Priest Shri Shri Ravishankar) हैं।
बता दें कि CJI रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। आखिर राहुल गांधी मान क्यों नहीं लेते पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बात?