सैटेलाइट ( satellite picture ) से मिली तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने यहां पर जे-11 और जे 16एस को भी ऑपरेट करना शुरू कर दिया है।
ये ऐसे लड़ाकू विमान ( Fighter jets ) हैं, जो ऊचाईं वाले इलाके में उड़ान भरने में सक्षम हैं।
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनॉलिस्ट Detresfa की ओर से जारी तस्वीरों में खुलासा हुआ कि चीन ने Ngari Gunsa एयरबेस पर लड़ाकू विमानों के परिचालन को गति दे दी है।
चीन ने हाल ही में यहां पर कई ट्रांसपोर्ट विमानों की लैंडिंग भी कराई है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है भारत से लगती सीमा पर चीन अपनी पॉजिशन को मजबूत करने के लिए वहां पर जरूरी सामान पहुंचा रहा है।
आपको बता दें कि चीन का शेययांग जे-11 रूस की सुखोई एसयू 27 का ही चीनी वर्जन है। दरअसल, यह लड़ाकू विमान एयर सुपीरियर होने की वजह से लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम है।
विमान में लगे दो इंजन इसकी पॉवर को दुगना कर देते हैं। खास बात यह है कि चीन में निर्मित इस लड़ाकू विमान का इस्तेमाल केवल चीनी वायु सेना ही करती है।
यह विमान 33000 किलोग्राम तक का भार लेकर एक बार में 1500 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन को गिरा सकता है।