लौह पुरुष की प्रतिमा 44 माह में बनकर तैयार हुआ है। यह प्रतिमा सरदार सरोवर नर्मदा बांध हाइवे व हजारों किमी नर्मदा नहर बनाने वाले राठौड़ की देखरेख में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनकर तैयार हुई है। जबकि अमरीका की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में पांच साल का वक्त लगा। चीन में बुद्ध की 128 मीटर की प्रतिमा करीब 90 साल में बनी थी।
शिल्पकार राम सुतार का कहना है कि प्रतिमा को सिंधु घाटी सभ्यता की कला से बनाया गया है। इसमें चार धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें सदियों तक जंग नहीं लगेगी। स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है। सरदार का चेहरा कैसा हो इस बात को तय करने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट की एक कमेटी बनी जिसमें दस लोग शामिल थे। एल एंड टी कंपनी ने उनके चेहरे, कपड़े और चादर का 3डी चेहरा बनाया। उसके बाद 30 फीट का चेहरा बनाया। इसे दिल्ली आकर दिखाया गया तो मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू हुआ।
जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी का सपना रहा है कि सरदार पटेल के नाम से एक ऐसी प्रतिमा बने जो दुनिया भर की सबसे ऊंची प्रतिमा में शुमार हो। इसलिए पीएम मोदी ने इस प्रतिमा का निर्माण कार्य शुरू कराने से पहले दुनिया भर की उुंची प्रतिमा को लेकर शोध कराया। शोध के दौरान जब दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमाओं का इतिहास खंगाला तो चीन में बुद्ध की प्रतिमा सबसे ऊंची 128 मीटर की निकली। उसके बाद अमरीका का स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी 90 मीटर है। उसके बाद पीएम मोदी ने नर्मदा नदी के पट में 182 मीटर लंबी प्रतिमा को खड़ा करने का निर्णय लिया। अमरीकन आर्किटेक्ट माइकल ग्रेस और टनल एसोसिएट्स कंपनी को साथ लेकर इस पर शोध कराया। भारत में लगी सरदार की विविध प्रतिमाओं का महीनों अवलोकन कर सरदार के नैन नक्श और चेहरे की आकृति को रूप दिया गया। मोदी चाहते थे कि सरदार लोगों के दिलों में जिस तरह बसे हैं प्रतिमा का स्वरूप भी वैसा ही होना चाहिए। इस काम का जिम्मा सौंपा सरदार सरोवर नर्मदा निगम के अध्यक्ष और गुजरात के हाइवे व कैनालमैन एसएस राठौड़ को। इसे बनाने का काम शिल्पकार पद्मश्री राम सुतार और उनके पुत्र अनिल सुतार ने किया है। दोनों कलाकारों को इस काम में सहयोग चीन, अमरीका के इंजीनियरों और भारत के कलाकारों ने पूरा सहयोग किया है।
– स्प्रिंग टेंपल बुद्धा चीन 128 मीटर
– स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी अमरीका 93 मीटर प्रतिमा में लगा क्या है? – सीमेंट 70,000 टन
– स्टील 1700 मीट्रिक टन तांबा
– भूकंप 6.5 तीव्रता के भूकंप को सहन कर सकती है
– तूफान 220 किलोमीटर प्रति घंटा के तूफान को सहने की क्षमता