विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UNSC ) में शांति रक्षा पर खुली चर्चा की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि, ‘अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर लगातार चर्चाएं हों रही हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अन्य सहयोगियों के साथ ही अमरीका के विदेश मंत्री से भी इस पर चर्चा कर चल रही है।’
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Afghanistan पर कब्जे के बाद भी Taliban रहेगा कंगाल, जानिए क्या है वजह एस जयशंकर ने कहा, ‘इस वक्त हम दूसरों की तरह ही अफगानिस्तान में बदलते घटनाक्रम पर सावधानीपूर्वक नजर बनाए हुए हैं। हमारा पूरा फोकस वहां मौजूद भारतीयों को सुरक्षित रखना और वापस लाने पर है।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने हाल में तालिबान से कोई बात की है, जयशंकर ने कहा, ‘मौजूदा समय में हमारी नजर काबुल में हो रहे घटनाक्रम पर टिकी है। उन्होंने कहा, ‘ यह साफ है कि तालिबान और उसके प्रतिनिधि काबुल आ चुके हैं, इसलिए मुझे लगता है कि हमें चीजों को वहां से शुरू करने की जरूरत है।’
अफगानिस्तान में पिछले दो दशकों में भारत की ओर से किए गए निवेश से संबंधित एक अन्य सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘आपने निवेश शब्द का इस्तेमाल किया…मेरा मानना है कि इससे अफगान लोगों के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंधों का पता चलता है।’
यह भी पढ़ेंः Afghanistan: भगोड़ा कहे जाने पर दुनिया के सामने आए अशरफ गनी, जानिए पैसे लेकर भागने वाली बात पर क्या दिया जवाब 10 दिन में 2 बैठकबता दें कि विदेश मंत्री सोमवार को न्यूयॉर्क पहुंचे थे। क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान की स्थिति पर आपातकालीन बैठक की। दस दिनों के अंदर संयुक्त राष्ट्र के शक्तिशाली निकाय ने युद्धग्रस्त देश की स्थिति पर भारत की अध्यक्षता में ये दूसरी बैठक की थी।