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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गणवेस में नेकर की जगह भूरी फुल पैंट पहने का फैसला तो हो चुका है लेकिन इस ड्रेस में सभी स्वंयसेवक इस वर्ष के विजयादशमी से दिखेंगे।
आरएसएस के संघचालक (कोंकण क्षेत्र) सतीश मोध ने कहा कि संघ के सदस्य इस वर्ष विजयादशमी से खाकी हाफ पैंट के स्थान पर भूरी फुल पैंट पहनना शुरू करेंगे। पिछले 91 वर्षों से संघ की ट्रेड मार्क रही खाकी हाफपैंट अब विदा ले रही है और संगठन समय के साथ आगे बढ़ने के अपने प्रयासों के तहत भूरी पैंट ला रहा है। हालांकि संघ की वर्दी की बाकी चीजों में वक्त के साथ बदलाव हुआ, लेकिन खाकी हाफ पैंट पिछले 91 वर्षों से ऐसी ही है।
विजयदशमी का दिन संघ के लिए काफी अहम
संघ के एक प्रचारक के मुताबिक विजयदशमी का दिन संघ और स्वयंसेवकों के लिए काफी अहम है। इसी दिन 1925 में डॉ. हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी। उन्होंने बताया कि हम नया गणवेश विजयदशमी के दिन से पूरी तरह लागू करने की सोच रहे हैं, क्योंकि तब तक का वक्त भी मिल जाएगा और सभी स्वयंसेवकों तक नया गणवेश पहुंच भी जाएगा। उन्होंने कहा कि 50 हजार से ज्यादा गांवों, कस्बों और शहरों तक यह बदलाव करना है तो इतना वक्त लग जाएगा।
गणवेश की तैयारी के लिए जिला टीमों को जिम्मेदारी
एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक केंद्रीय स्तर से क्षेत्रीय स्तर और फिर प्रांतीय स्तर तक गणवेश बदलने का संदेश पहुंचाया जाएगा। कौन सा भूरा रंग फुल पैंट के लिए इस्तेमाल करना है और कौन सा कपड़ा इस्तेमाल होना है, इसकी जानकारी सबको दे दी जाएगी। पैंट खादी की होगी। प्रांतीय स्तर की टीम जिला स्तर तक यह जानकारी देगी और हर जिला नए गणवेश की तैयारी करेगा। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा काम है और हर जिला टीम को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी।
काफी इंतजार के बाद हुआ ये बदलाव
नेकर की जगह फुल पैंट करने की कवायद साल 2010 से चल रही थी। लेकिन संघ के भीतर ही इसका काफी विरोध हुआ। 2010 में जब किसी भी तरह इसमें सहमति नहीं बनी तो तय किया गया कि अब पांच साल बाद इस पर बात की जाएगी। जिसके बाद साल 2015 की टॉप बॉडी मीटिंग में भी इस पर बात की गई। लेकिन तब भी सहमति नहीं बन पाई। सूत्रों के मुताबिक संघ के कई सीनियर्स ने इस पर जोर दिया कि युवाओं को जोड़ने के लिए बदलाव जरूरी है, जिसके बाद अब नेकर बदलकर फुल पैंट करने का फैसला ले लिया गया।
गौरतलब हो कि आरएसएस की सर्वोच्च निर्णय सभा अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की राजस्थान के नागौर में हुई बैठक में खाकी हाफ पैंट को हटाने का फैसला लिया गया था।