Read More: RSS प्रमुख मोहन भागवत की नसीहत, बोले- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रहें एकजुट 40 हजार सालों से हम एक ही पूर्वजों के वंशज हैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है तथ्य है। ऐसा इसलिए कि दोनों अलग—अलग नहीं, बल्कि एक हैं। पूजा करने के अलग-अलग तरीकों की वजह से लोगों के बीच अंतर नहीं किया जा सकता। कुछ काम ऐसे हैं जो राजनीति नहीं कर सकती। राजनीति लोगों को एकजुट नहीं कर सकती। राजनीति लोगों को एकजुट करने का हथियार नहीं बन सकती है। यह साबित हो चुका है कि पिछले 40 हजार सालों से हम एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। भारत के लोगों का डीएनए एक है। हिंदू और मुसलमान दो समूह नहीं हैं। हम एक हैं और एक साथ हैं।
यहां सिर्फ भारतीयों का प्रभुत्व हो सकता है आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हम लोकतंत्र में राष्ट्र में रहते हैं। यहां हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता है। केवल भारतीयों का ही प्रभुत्व हो सकता है। देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं है। एकता का आधार धर्म नहीं राष्ट्रवाद होना चाहिए। अगर कोई हिंदू कहता है कि यहां कोई मुसलमान नहीं रहना चाहिए तो वह व्यक्ति हिंदू नहीं है। गाय एक पवित्र जानवर है लेकिन जो लोग दूसरों को मार रहे हैं वे हिंदुत्व के खिलाफ जा रहे हैं। कानून को बिना भेदभाव के अपना काम करना चाहिए।
आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने गाजियाबाद में आयोजित राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के कार्यक्रम में डॉ.ख्वाजा इफ्तिखार अहमद द्वारा लिखी किताब का विमोचन किया। डॉ. ख्वाजा अहमद ने वैचारिक समन्वय एक पहल नाम से किताब लिखी है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के इस कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण लोग शामिल हुए हैं।