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क्या है फेसबुक पोस्ट
द रियल लीडर्स एंड मैसेज –
”पार्टी का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ- लंबे समय से खोया हुआ और भुला हुआ।
नैतिकता और राज्य-कौशल वाले सच्चे नेताओं को पुरस्कृत किया जाना चाहिए और उनकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। हमें उन्हें दूर नहीं होने देना चाहिए। अगर हम उनकी वरिष्ठता और सलाह को महत्व नहीं देते तो यह अपमानजनक है। मैंने हमेशा एक अच्छे विपक्षी नेता के रूप में उनका सम्मान किया है। यह बहुत ही दुखद है कि उनकी अपनी पार्टी ही उन्हें भूल गई है”।
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आपको बता दें कि भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने गांधीनगर लोकसभा सीट से टिकट कटने के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी। उनके ब्लॉग के बाद विपक्षी पार्टियां भाजपा पर हमलावर हो गई हैं। आपको बता दें कि आडवाणी ने अपने ब्लॉग में लिखा था “मेरे जीवन को निर्देशित करने वाला सिद्धांत हमेशा से यही रहा है कि राष्ट्र सबसे पहले, इसके बाद पार्टी और खुद सबसे आखिर में। सभी स्थितियों में मैंने इसी सिद्धांत का पालन किया और आगे भी करता रहूंगा।” भाजपा ने इस बार आडवाणी को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया है। वह साल 1991 से लगातार गांधीनगर सीट से सांसद रहे हैं।