22 अप्रैल को हुए थे कोरोना पॉजटिव
अजित सिंह 22 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुए थे। उसके बाद से ही उनके लंग्स में वायरस तेजी से फैल रहा था। मंगलवार रात से ही उनकी हालत काफी नाजुक बताई जा रही थी। उसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जानकारी के अनुसार उनका निधन गुरुवार यानी आज सुबह ही हुआ है। उनकी मौत की खबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। जाट समुदाय के लोकप्रिय नेता होने के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में वो काफी लोकप्रिय नेता थे। इसका आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वो लोकसभा चुनाव 7 बार जीते। साथ यूपीए सरकार में केंद्र में एविएशन मिनिस्टर तक रहे।
करीब 35 साल का राजनीतिक सफर
चौधरी अजीत सिंह का राजनीतिक सफर करीब 35 साल का रहा है। 1986 में जब उनके पिता चौधरी चरण सिंह की तबीयत खराब हुई तो उन्होंने पिता की गद्दी संभाली। उन्होंने सांसद बनने की शुरुआत राज्यसभा से की। उसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और 1989 में बागपत से लोकसभा का सफर तय किया। उसके बाद वो निर्विवाद रूप से बागपत के सांसद रहे। 1997 में उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा देकर खुद की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल की स्थापना की। 1998 में वो चुनाव हार गए। 1999 के चुनाव वो फिर जीते और अलट बिहारी वाजपेई की सरकार में मंत्री भी रहे।