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दावे और सच्चाई: इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश

सरकार बदलने के साथ इतिहास पर फिर बहस शुरू है। आम जनता की निगाह से देखें तो दिक्कत सिर्फ नीयत की है। आरोप है कि इतिहास पर राजनीति हो रही है

Aug 31, 2017 / 11:31 am

Chandra Prakash

नई दिल्ली। इतिहास का पुनर्लेखन एक ऐसा विषय है जिसकी जरूरत को वामपंथी से दक्षिणपंथी तक दोनों धड़े महसूस करते हैं। सरकार बदलने के साथ इतिहास पर फिर बहस शुरू है। आम जनता की निगाह से देखें तो दिक्कत सिर्फ नीयत की है। आरोप है कि इतिहास पर राजनीति हो रही है
अकबर ने नहीं प्रताप ने जीता था हल्दीघाटी युद्ध
राजस्थान में 441 साल पूर्व भीषण युद्ध हुआ उसे आज तक बेनतीजा माना जाता रहा। 1576 में हुए इस युद्ध में महाराणा प्रताप ने अकबर को नाकों चने चबाने पर मजबूर किया। अंत में प्रताप ने युद्ध जीता था। यह दावा राजस्थान सरकार का है। इसके पीछे इतिहासकार डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा के शोध का हवाला है। डॉ. शर्मा ने युद्ध पर शोध किया और सबूतों के आधार पर प्रताप को विजेता बताया है।
 

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3 नए विवाद जो हर लगातार चर्चा में हैं।

उत्तरप्रदेश: ताजमहल पर गर्व नहीं
एक जनसभा में उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ताजमहल को आम इमारत बताते हुए इसे भारतीय संस्कृति का हिस्सा मानने से इनकार किया। कहा पहले ताजमहल गिफ्ट दिए जाते थे, अब गीता या रामायण गिफ्ट की जाती हैं।
महाराष्ट्र: शासकों के नाम हटाए
महाराष्ट्र बोर्ड पर 7वीं और 9वीं की इतिहास की किताबों में बदलाव का आरोप। कहा गया कि मुगल शासकों के नाम हटाए जा रहे हैं। कुतुब मीनार और लाल किला किताबों में नहीं है। रजिया सुल्तान, शेरशाह सूरी के नाम हटाए।
ओडिशा: 200 साल पुराने पाइक विद्रोह पर गदर
राज्य सरकार का तर्क है कि चूंकि पाइका विद्रोह एक व्यापक और जायज लड़ाई थी और सिपाही विद्रोह से पूरे 40 साल पहले हुआ इसलिए उसे आजादी की पहली लड़ाई की मान्यता दी जानी चाहिए।
नाम पर भी सियासत!
1950 में सबसे पहले पूर्वी पंजाब का नाम पंजाब रखा गया। 1956 में हैदराबाद से आंध्रप्रदेश, 1959 में मध्यभारत से मप बना। 1969 में मद्रास से तमिलनाडु, 1973 में मैसूर से कर्नाटक, पुडुचेरी, उत्तरांचल से उत्तराखंड, 2011 में उड़ीसा से ओडिशा, फिर मुंबई, चेन्नई, कोलकाता के नाम बदले।
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किताब में लिखा 1962 में जीता था भारत
मध्य प्रदेश में आठवीं की संस्कृत की किताब में पढ़ाया जा रहा है कि भारत ने 1962 में चीन के खिलाफ जंग में जीत हासिल की थी। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक संस्कृत की “सुकृतिका” नाम की पुस्तक का प्रकाशन लखनऊ स्थित कृतिका प्रकाशन द्वारा किया गया है। किताब सीबीएसई स्कूलों में पढ़ाई जा रही है।
इन पर आज भी रार


आर्य बाहरी और आक्रमणकारी थे
आर्यन इन्वेजन थ्योरी को सबसे बड़ी चुनौती 1921 में मिली। सिंधु नदी सभ्यता के निशान के बाद इसपर सवाल उठा। आज भी विवाद जारी है।
RAM
राम और कृष्ण कभी हुए नहीं
रामायण के अनुसार 5114 ईसा पूर्व भगवान राम का जन्म हुआ। नासा ने माना रामसेतु का अस्तित्व। यूपीए सरकार ने कोर्ट में नकारा।

सरस्वती नदी का कोई अस्तित्व नहीं?
पहले इसे मिथक बताया गया। पुख्ता सबूत के बाद इतिहास बदला। अब दावा कि भारतीय सभ्यता सिंधु घाटी की सभ्यता से भी कई हजार वर्ष पुरानी है।

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