मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय ( Delhi University ) के हंसराज कॉलेज में रसायन विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. बृजेश राठी की देखरेख में एक शोध टीम ने इन-सिलिको का बड़े पैमाने पर अध्ययन किया। डॉ. राठी के मुताबिक ड्रग मॉलिक्यू्ल का टेस्ट SARS-CoV-2 के खिलाफ शिकागो के लोयोला विश्वविद्यालय और अमरीका के न्यू मेक्सिको विश्वविद्यालय में किया गया। इस टेस्ट के नतीजे चौंकाने वाले आए। ड्रग मॉलीक्यूल बनाने में सफलता मिली।
Covid-19 : उत्तराखंड सरकार का फैसला, देश के 75 शहरों से आने पर 21 दिन का quarantine इस प्रयास में सफलता मिलने के बाद डॉ. राठी ने लोयोला यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रवि दुर्वासुला और डॉ. पी केम्पि व यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू मेक्सिको के डॉ. स्टीरवन ब्रैडफूट के साथ मिलकर अमरीका में इसके पेटेंट के लिए एप्लिकेशन ( Patent Application ) दी है।
प्रोफेसर राठी ने कहा है कि ब्रिटेन की रेडक्लिफ बायोसाइंस कंपनी से कैलक्सीनिन के क्लीनिकल ट्रायल को लेकर बातचीत चल रही है। टीम को आशा है कि जल्द ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए यह दवा उपलब्ध हो जाएगी। डॉ. राठी के मुताबिक यह कंपनी के ऊपर निर्भर करेगा कि वह इसका क्लीनिकल ट्रायल ( Clinical Trial ) कब शुरू करती है। इसके बाद ही इसका बाजार में आना सुनिश्चित हो पाएगा।
ढाई महीने के बच्चे ने Covid-19 से जीती जंग, AIIMS में दिल की बीमारी का हुआ सफल इलाज डॉ. राठी हंसराज कॉलेज के रसायन विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं। उन्होंने एमआईटी कैम्ब्रिज से पोस्ट-डॉक्टोरल शोध किया है।