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जानें अगर लॉकडाउन न होता तो अब तक कितने लोगों को चपेट में ले चुका होता कोरोना? पढें रिपोर्ट

कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते देश में 21 दिन का लॉकडाउन जारी
लॉकडाउन से कोरोना के संभावित केसों में 83 से 85 प्रतिशत तक की कमी

Apr 02, 2020 / 08:41 pm

Mohit sharma

जानें अगर लॉकडाउन न होता तो अब तक कितने लोगों को चपेट में ले चुका होता कोरोना? पढें रिपोर्ट

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप ( Coronavirus outbreak ) के चलते देश में 21 दिन का लॉकडाउन ( Lockdown ) जारी है। 14 अप्रैल तक चलने वाले इस लॉकडाउन में लोगों को भले ही कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो, लेकिन इससे कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के केसों को कम करने में मदद अवश्य मिल रही है।

यह हम नहीं, बल्कि कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) पर शोध कर रहे वैज्ञानिक कह रहे हैं। एक शोध के अनुसार लॉकडाउन से कोरोना वायरस ( Coronavirus Infection ) के संभावित केसों में 83 से 85 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।

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उत्तर प्रदेश की शिव नादर यूनिवर्सिटी की स्टडी में सामने आया है कि लॉकडाउन के कारण कोरोना के संदिग्ध लक्षणों वालों को क्वारंटाइन किया जा रहा है।

स्टडी में खुलासा हुआ है कि अगर लॉकडाउन जैसा कदम न उठाया जाता तो कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या ढ़ाई लाख तक पहुंच सकती थी जबकि पांच हजार से अधिक लोग अभी तक अपनी जान गवां चुके होते।

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यूनिवर्सिटी के एस्सिटेंट प्रोफेसर समित भट्टाचार्य के अनुसार लॉकडाउन की वजह से 80 से 90 प्रतिशत आबादी सामुदायिक दूरी में रह रही है।

प्रोफेसर भट्टाचार्य ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार लॉकडाउन के 20वें दिन तक में कोरोना के 83 प्रतिशत मामले कम हो सकते हैं।

आपको बता दें कि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1965 तक पहुंच गई है। जबकि 50 से अधिक लोगों की इस बीमारी की वजह से मौत हो चुकी है।

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