परेड में इस वर्ष पहली बार लद्दाख की झांकी देखने को मिली। आईए आपको बता दें कि इस बार क्या-क्या नया गणतंत्र दिवस की परेड में देखने को मिला। जानिए क्या है वर्टिकल चार्ली फॉरमेशन, जिसके जरिए आसमान में दम दिखाएगा रफाल लड़ाकू विमान
इस बार राजपथ पर कोरोना वायरस महामारी के चलते दर्शक कम हैं। परेड भी हर वर्ष के मुकाबले इस वर्ष छोटी है। हालांकि भारत के शौर्य और पराक्रम की गर्जना पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है।
कोरोना के कारण परेड के रूट में कमी तो हुई है, लेकिन झांकियों की भव्यता बनी रहेगी।
कोरोना के कारण परेड के रूट में कमी तो हुई है, लेकिन झांकियों की भव्यता बनी रहेगी।
बांग्लादेश सेना की टुकड़ी इस बार खास तौर पर पहली बार बांग्लादेश सेना की एक टुकड़ी भी शामिल हुई. बांग्लादेश सैन्य बलों की 122 टुकड़ी में उसकी सेना नौसेना और वायु सेना, तीनों के जवान और ऑफिसर शामिल हुए। इसके कमांडिंग कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल अबु मोहम्मद शाहनूर शॉनोन थे और उनके डिप्टी के रूप में लेफ्टिनेंट फरहान इशराक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिबत रहमान शामिल थे।
इस टुकड़ी में 1971 में बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए भाग लेने वाली यूनिट्स के सैनिक शामिल थे। इस युद्ध में बहादुर मुक्ति वाहिनी और भारतीय सेना ने दुश्मन के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर जीत हासिल की थी।
राम मंदिर का दीदार
रिपब्लिक डे पर पहली बार कई नजारे आपको देखने को मिलेंगे। जो ना सिर्फ आपको रोमांचक लगेंगे बल्कि आपको गर्व के पल का एहसास भी कराएंगे। इस वर्ष पहली बार राजपथ पर राम मंदिर का दीदार। राजपथ पर उत्तरप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की झांकी में राम मंदिर का मॉडल दर्शाया गया।
रिपब्लिक डे पर पहली बार कई नजारे आपको देखने को मिलेंगे। जो ना सिर्फ आपको रोमांचक लगेंगे बल्कि आपको गर्व के पल का एहसास भी कराएंगे। इस वर्ष पहली बार राजपथ पर राम मंदिर का दीदार। राजपथ पर उत्तरप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की झांकी में राम मंदिर का मॉडल दर्शाया गया।
दरअसल यूपी की झांकी के पहले भाग में महर्षि वाल्मिकी को रामायण की रचना करते दिखाया जाएगा, मध्य भाग में राम मंदिर का मॉडल होगा। लद्दाख की संस्कृति की झलक
पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड में लद्दाख की झांकी का प्रदर्शन किया गया। इस झांकी के जरिए लद्दाख की संस्कृति की झलक भी देखी गई । ये पहली बार होगा कि लद्दाख की झांकी राजपथ पर दिखेंगे तो दूसरे राज्यों की झांकियों में आपको सास्कृतिक विरासत का दीदार हुआ।
पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड में लद्दाख की झांकी का प्रदर्शन किया गया। इस झांकी के जरिए लद्दाख की संस्कृति की झलक भी देखी गई । ये पहली बार होगा कि लद्दाख की झांकी राजपथ पर दिखेंगे तो दूसरे राज्यों की झांकियों में आपको सास्कृतिक विरासत का दीदार हुआ।
मोढेरा के सूर्य मंदिर की झलक
इस वर्ष परेड में पहली बार गुजरात की झांकी में मोढेरा के सूर्य मंदिर की झलक भी देखने को मिलेगी। ये मंदिर मेहसाणा जिले का प्राचीन मंदिर है, जिसे 1026 में चालुक्य राजवंश के राजा भीम ने बनवाया था।
इस वर्ष परेड में पहली बार गुजरात की झांकी में मोढेरा के सूर्य मंदिर की झलक भी देखने को मिलेगी। ये मंदिर मेहसाणा जिले का प्राचीन मंदिर है, जिसे 1026 में चालुक्य राजवंश के राजा भीम ने बनवाया था।
पल्लव राजवंश के प्रसिद्ध मंदिर
गणतंत्र दिवस के मौके पर दक्षिण राज्य तमिलनाडु की झांकी में देश और दुनिया पहली बार पल्लव राजवंश के प्रसिद्ध समुद्रतटीय मंदिरों का दीदार कर रही है। खत्म हुआ इंतजार, लॉन्च होगा FAU-G, जानिए कैसे होगा डाउनलोड और कौन से स्मार्टफोन यूजर्न नहीं कर पाएंगे इस्तेमाल
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केदारधाम के दर्शन
राजपथ पर शक्ति के साथ-साथ भक्ति का भी प्रदर्शन होगा। उत्तराखंड यानी देवभूमि की झांकी में केदारखंड को दर्शाया जाएगा, जिसमें केदरानाथ धाम के दर्शन राजपथ पर लोगों कर सकेंगे।
राजपथ पर शक्ति के साथ-साथ भक्ति का भी प्रदर्शन होगा। उत्तराखंड यानी देवभूमि की झांकी में केदारखंड को दर्शाया जाएगा, जिसमें केदरानाथ धाम के दर्शन राजपथ पर लोगों कर सकेंगे।