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Rashtriya Swachhta Divas: स्वच्छता और सतर्कता से ही कोरोना को दे सकेंगे मात

देशभर में दो अक्टूबर को मनाया जा रहा Rashtriya Swachhta Divas
स्वच्छता और सतर्कता ही कोरोना को मात देने में होगी कारगर
बापू स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब देखते थे

Oct 02, 2020 / 02:18 pm

धीरज शर्मा

Rashtriya Swachhta Divas

राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस

नई दिल्ली। देशभर में दो अक्टूबर यानी महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस ( Rashtriya Swachhata Divas ) मनाया जाता है। कोरोना संकट के बीच स्वच्छता का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। लगातार हाथ धोना, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों के दम पर ही कोरोना को काबू करने के साथ मात दी जा सकती है। यही वजह कि स्वच्छता और सतर्कता कोरोना संकट के बीच हमारी सबसे बड़ी ताकत बन गई है।
दुनियाभर में अब तक कोरोना वायरस को लेकर वैक्सीन पर काम चल रहा है, यही वजह है कि जब तक इसकी दवा नहीं आ जाती तब तक स्वच्छता और सतर्कता ही हमारा अहम औजार है। स्वच्छता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काफी सक्रिय हैं।
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उन्होंने राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस को लेकर अपने शासन काल में एक कदम और आगे बढ़ाया और देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की। 2014 में शुरू हुआ ये मिशन अब जन आंदोलन बन चुका है।
कोरोना महामारी से लड़ने में दुनिया की महाशक्तियां लाचार हो चुकी है। ऐसी विकट स्थिति में स्वच्छता और सतर्कता ने ही लोगों को कोरोना से जंग में बड़ा हथियार दिया है।

लॉकडाउन के दौरान लोगों में स्वच्छता को लेकर सोच बदली है। स्वच्छता के प्रति लोग पहले कहीं ज्यादा जागरूक हुए हैं। इस सोच के पीछे कोरोना को मात देना बड़ी वजह है।
पीएम मोदी भी स्वच्छता को लेकर गंभीर
पीएम मोदी देश में स्वच्छता को लेकर लगातार अपने भाषणों और योजनाओं में इसको महत्व देते रहे हैं। हाल में उन्होंने देश में राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र की स्थापना भी की। 8 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र की शुरुआत की।
बापू स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब देखते थे
दरअसल राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र, गांधी जी के स्वच्छाग्रह और उसके लिए समर्पित कोटि-कोटि भारतीयों के विराट संकल्प को एक जगह समेटे हुए है। बापू स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब देखते थे।
गांधी जी मानते थे कि स्वराज सिर्फ स्वच्छ और साहसी जन ही ला सकते हैं। वो स्वराज के स्वपन की पूर्ति का एक मार्ग स्वच्छता को भी मानते थे।

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इस राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र की शुरुआत के बाद स्वच्छता के मूल्यों से जुड़ाव, देश-दुनिया से यहां आने वाला हर साथी अब अनुभव करेगा। यही नहीं देश की एक नई तस्वीर, नई प्रेरणा लेकर जाएगा।

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