नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ( CJI Ranjan Gogoi ) की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई जारी है। इस मामले में सुनवाई का आज 17वां दिन है। मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन अदालत के समक्ष अपना पक्ष रख रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा— एनआरसी ने लोगों को घर से बेघर किया अयोध्या विवाद ( Ayodhya Dispute ) पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ सुनवाई कर रही है। इस मामले की सुनवाई हफ्ते में पांच दिन चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी हिंदू पक्षों की बहस की सुनवाई 16 दिन में पूरी कर ली है। इसमें निर्मोही अखाड़ा, रामलला के वकील अपनी दलील पूरी कर चुके हैं।
गिरिराज सिंह का अजीबोगरीब बयान, हम देश भर में गाय पैदा करने की फैक्ट्री लगाएंगे प्रशासन ने 1949 में बंद करवा दी थी नमाज श्री राम जन्मभूमि पुनरुत्थान समिति के वकील पीएन मिश्रा ने 16वें दिन अदालत में अपनी दलील पूरी करते हुए कई तथ्यों को सामने रखा था। इस दौरान उन्होंने कोर्ट में बताया कि उस जगह पर आखिरी नमाज 16 दिसंबर, 1949 को हुई थी जिसके बाद दंगे हो गए थे। उसके बाद प्रशासन ने नमाज बंद करवा दी थी।
एनआरसी सूची पर भड़कीं सीएम ममता बनर्जी, कहा- बीजेपी का असली चेहरा हुआ बेनकाब मुस्लिम पक्ष का दावा गलत बता दें कि राम मंदिर विवाद पर 16वें दिन की सुनवाई में हिंदू पक्ष के वकीलों ने अपनी बात को प्रमाणिकता के साथ रखने की पूरी कोशिश की थी। निर्मोही अखाड़े के वकील सुशील जैन ने कहा कि विवादित भूमि पर 1949 के बाद से नमाज नहीं हुई इसलिए मुस्लिम पक्ष का वहां दावा ही नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि जहां नमाज नहीं अदा की जाती उस स्थान को मस्जिद नहीं माना जा सकता।