गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने शुरू कर दी गर्मियों की तैयारी, क्रॉस वेंटिलेशन वाले टेंट तैयार
भाजपा सकते में आ गई
एक निजी न्यूज चैनल से बात कर रहे राकेश टिकैत ने भाजपा के उस सांसद का नाम बताने से इनकार दिया, लेकिन अपने दावे को सौ प्रतिशत सच बताया। वहीं, राकेश टिकैत के बयान के बाद जहां भाजपा सकते में आ गई है, वहीं देश में सियासी गहमागहमी भी तेज हो गई है। अटकलों का बाजार गरम है। कुछ लोगों का मानना है कि किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा देने वाला सांसद पश्चिम उत्तर प्रदेश से होगा तो वहीं कुछ लोगों ने इसके लिए हरियाणा और पंजाब से अनुमान लगाया है। मीडिया से बात कर रहे राकेश टिकैत ने संसद पर मंडी बनाने की भी बात की। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों में प्रावधान है कि किसान अपनी फसल को कहीं भी और किसी को भी बेच सकता है तो ऐसे में किसानों के लिए ठीक रहेगा कि वो अपनी फसल को उसकी संसद के बाहर बेचें जहां ये कानून बने हैं। क्योंकि हो सकता है कि वहां पर किसानों को अपना एमएसपी मिल जाए।
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बंगाल में जाकर अगले महीने किसान पंचायत करेंगे
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि वो किसानों से अपील कर रहे हैं कि वह अपनी फसल लेकर सीधा दिल्ली संसद में जाएं ताकि उनको अपनी फसलों का वाजिब दाम मिल सके। पश्चिम बंगाल समेत देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर बोलते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि वो बंगाल में जाकर अगले महीने किसान पंचायत करेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि चुनाव या किसी राजनीतिक दल से उनका कोई सरोकार नहीं है, लेकिन वो वहां जाकर किसानों को जागरुक करेंगे। आपको बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत देश के कई राज्यों के किसान गाजीपुर बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर समेत कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार तीनों काूननों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाए।