ग्रीक हालोस्स कहा जाता है वहीं मौसम विभाग रांची के अनुसार इसे हेलो , ग्रीक हालोस्स कहा जाता है। यह प्रकाश द्वारा उत्पन्न प्रकाशीय घटनाओं के एक परिवार का नाम है। यहां पर आमतौर पर सूर्य या चंद्रमा से वायुमंडल में बर्फ के क्रिस्टल के साथ किरणों के परावर्तित होने का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। हेलोस के कई रूप पाए जाते हैं। इसमें रंगीन या सफेद रिंग और आकाश में धब्बे होते हैं। इनमें से कई सूर्य या चंद्रमा के पास दिखाई देते हैं। प्रकाश स्तंभ और सूर्य के कई धब्बे पाए जाते हैं। इनमें से कई काफी सामान्य होते हैं। जबकि अन्य दुर्लभ हैं।
क्या है कारण धरती से 20 हजार फीट की ऊंचाई पर आसमान में हल्के बादल दिखाई दे रहे थे। इनके भीतर बर्फ के लाखों टुकड़े पाए जाते हैं। इन पतले बर्फीले बादलों को साइसर क्लाउड कहा जाता है। प्रकाश के परावर्तन यानी रिफ्लेक्शन को लेकर ही सूर्य के चारों ओर छल्ले का निर्माण होता है। खगोल विज्ञान में इसे 22 डिग्री सर्कुलर हेलोस कहा जाता है। इस तरह का नजारा हाई क्लाउड से बनाता और बारिश को दर्शाता है।