प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के.यादव ने कहा कि आज तक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चली है
•May 29, 2020 / 05:19 pm•
Mohit sharma
विनोद कुमार यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कल 137 ट्रेनें चली हैं। जबकि बुधवार को 172 ट्रेनों का संचालन किया गया है। लेकिन पिछले दो दिनों से इस संख्या में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि 24 मई को हमने सभी राज्यों से बातचीत कर उनकी जरूरतें पूछीं थी, उस समय 923 ट्रेनों की आवश्यक्ता थी। कल यानी गुरुवार को राज्यों की मांगों के हिसाब से केवल 449 ट्रेनों की जरूरत थी।
रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि जब तक प्रवासी अपने गंतव्यों तक नहीं पहुंचते, तब तक ‘श्रमिक स्पेशल ’ट्रेनें चलती रहेंगी। हम उसी दिन ट्रेनों का समय निर्धारित करेंगे, जब राज्यों से मांग की जाएगी।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए राज्यों से मांग धीरे—धीरे कम हो रही है। 24 मई को राज्यों की आवश्यकता 923 ट्रेनों की थी, कल की आवश्यकता के अनुसार, अब यह आंकड़ा 449 ट्रेनों का है
यादव ने कहा कि रेलवे के 12 लाख कर्मचारी प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने के काम में जुटे हैं। केवल 4 ट्रेनों ही ऐसी हैं, जिन्होंने यात्रा के दौरान 72 घंटे से ज्यादा समय लिया है। पूर्वोत्तर जाने वाली इन ट्रेनों के लेट होने के पीछे अपने कारण हैं। उन्होंने कहा कि असम में लैंड स्लाइड की वजह से 12 घंटे ट्रेन रोकना पड़ा।
विनोद कुमार यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कल 137 ट्रेनें चली हैं। जबकि बुधवार को 172 ट्रेनों का संचालन किया गया है। लेकिन पिछले दो दिनों से इस संख्या में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि 24 मई को हमने सभी राज्यों से बातचीत कर उनकी जरूरतें पूछीं थी, उस समय 923 ट्रेनों की आवश्यक्ता थी। कल यानी गुरुवार को राज्यों की मांगों के हिसाब से केवल 449 ट्रेनों की जरूरत थी।
रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि जब तक प्रवासी अपने गंतव्यों तक नहीं पहुंचते, तब तक ‘श्रमिक स्पेशल ’ट्रेनें चलती रहेंगी। हम उसी दिन ट्रेनों का समय निर्धारित करेंगे, जब राज्यों से मांग की जाएगी।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए राज्यों से मांग धीरे—धीरे कम हो रही है। 24 मई को राज्यों की आवश्यकता 923 ट्रेनों की थी, कल की आवश्यकता के अनुसार, अब यह आंकड़ा 449 ट्रेनों का है
विनोद कुमार यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कल 137 ट्रेनें चली हैं। जबकि बुधवार को 172 ट्रेनों का संचालन किया गया है। लेकिन पिछले दो दिनों से इस संख्या में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि 24 मई को हमने सभी राज्यों से बातचीत कर उनकी जरूरतें पूछीं थी, उस समय 923 ट्रेनों की आवश्यक्ता थी। कल यानी गुरुवार को राज्यों की मांगों के हिसाब से केवल 449 ट्रेनों की जरूरत थी।
यह डायवर्जन भी कुल ट्रेनों का सिर्फ 1 प्रतिशत तक सीमित रही है।
यादव ने उन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें 9 दिन का समय लगने की जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि पूर्वी भारत की ओर जाने वाली सिर्फ चार ट्रेनों को 3 दिन का समय लगा। इसका कारण भी रास्ते में हुई लेंड स्लाइडिंग मुख्य कारण है।
यादव ने कहा, 30 महिलाओं का प्रसव ट्रेन में हुआ है। उन्होंनें यादव ने गर्भवती महिलाओं और अन्य बीमार लोगों को आवश्यक नहीं होने पर यात्रा नहीं करने की सलाह दी है।
यादव ने कहा कि रेलवे श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है। जब भी राज्य सरकार मांग करेगी, उसी दिन रेलवे श्रमिक ट्रेन चला देगा।
उन्होंने बताया कि 80 फीसदी ट्रेन यूपी और बिहार को गई है। यादव ने कहा कि खाना-पानी की पूरी तरह व्यवस्था की जा रही है। इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है। यह वैश्विक महामारी है। इस समय काफी दिक्कतें है। देश में किचन और रेस्टोरेंट बंद है। इन सबके बावजूद रेलवे ने कोशिश की है कि श्रमिकों को समय पर खाना-पानी दिया जाए। हालांकि यह सूचना आई है कि कुछ जगह खाना-पानी नहीं मिला है।
यूपी और बिहार में श्रमिकों को घर तक पहुंचाने के लिए बसों की समस्याएं थी। इसके लिए लोकल में मेमो ट्रेन भी चलाई।
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ( Indian Railways ) एक मई से संचालित होने वाली 2,317 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ( Shramik Special Trains) में 31 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है। भारतीय रेलवे ने 1 जून से 200 विशेष ट्रेनों के लिए बुकिंग शुरू करने के 24 घंटे के भीतर 12.5 लाख यात्रियों के लिए 5.72 लाख टिकट बुक किए। रेल मंत्रालय ( Ministry of Railways) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 1 जून से शुरू होने वाली 200 ट्रेनों के लिए गुरुवार सुबह से 12,54,706 यात्रियों के लिए कुल 5,72,219 टिकट बुक किए गए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि रेलवे कुछ और ट्रेनों के संचालन का ऐलान कर सकता है।
वहीं, शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस ( Press conference) कर रहे रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के.यादव ( Vinod Kumar Yadav, Chairman, Railway Board) ने कहा कि आज तक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेन ( Shramik Special Trains) चली है। इनमें 52 लाख लोग घर पहुंचे हैं। अब राज्यों से श्रमिक ट्रेनों की मांग कम होने लगी है।
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