महामहीम ने अपनी सैलरी ( Salary ) के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि मुझे 5 लाख प्रति महीना तनख्वाह मिलती है, जिसमें से पौने तीन लाख तक टैक्स चला जाता है। हमसे ज्यादा बचत तो एक टीचर की होती है। खास बात यह है कि राष्ट्रपति के इस बयान पर लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दीं।
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राष्ट्रपति ने जब अपने वेतन का 55 फीसदी हिस्सा टैक्स के रूप में कट जाने की बात कही तो सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं।
राष्ट्रपति ने जब अपने वेतन का 55 फीसदी हिस्सा टैक्स के रूप में कट जाने की बात कही तो सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं।
सोशल मीडिया यूजर्न ने कहा कि भारतीय कानून के मुताबिक राष्ट्रपति को आयकर से छूट दी गई है। ऐसे में उनका वेतन कौन काट रहा है? लोगों ने कहा राष्ट्रपति जी भी टैक्स देते हैं क्या? एक ट्विटर यूजर ने इस पर कमेंट करते हुए लिखा कि जहां तक मैंने पढ़ा है कि राष्ट्रपति के वेतन एवं भत्ते टैक्स फ्री होते हैं?
एक अन्य यूजर ने लिखा- ‘भारतीय कानून ने तो महामहिम राष्ट्रपति जी को आयकर से छूट दे रखी है अब राष्ट्रपति जी पौने तीन लाख रुपये महीना टैक्स किसको दे रहे हैं , ये देश को पता होना चाहिए।’
एक अन्य यूजर ने कहा- एक बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के राष्ट्रपति के लिए उसे कितना वेतन मिलता है और कितना वो बचत करता है क्या ये मायने रखता है? वैसे एक राष्ट्रपति पर सालाना कुल व्यय कितना होता है वो बहुत ही बड़ी रकम होती है।
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। मंगलवार को उनके दौरे का अंतिम दिन है। इस दौरान वे जब अपने घर पहुंचे तो एयरपोर्ट पर ही उन्होंने मिट्टी को माथे पर लगाया। इस दृश्य ने भी कई लोगों को भावुक कर दिया।
महामहिम रविवार सुबह सबसे पहले अपने गांव परौंख पहुंचे। यहां उन्होंने पथरी देवी मंदिर में दर्शन किए और फिर गांव वालों का अभिनंदन करते हुए सभी को धन्यवाद दिया। यह भी पढ़ेंः प्रेसिडेंशियल ट्रेन से लखनऊ पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सीएम योगी और राज्यपाल ने किया स्वागत इसके बाद राष्ट्रपति ने अपनी मातृभूमि को झुककर नमन किया और उसकी मिट्टी को माथे पर लगाया। राष्ट्रपति हैलीपैड से अपने गांव के पास उतरे। यहां उतरते ही उन्होंने अपनी मातृभूमि की मिट्टी को माथे लगाया और नमन किया।