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अभिभावकों के लिए जागरूकता अभियान
तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सरकार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगी, इसके साथ ही अभिभावकों के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इस तरह से बच्चों में कोविड के शुरुआती लक्षणों की पहचान होने के साथ उनका सही समय पर इलाज शुरू किया जा सकेगा।
दिल्ली सरकार का दावा है कि कोविड बेडों को सात हजार से बढ़ाकर 30 हजार तक कर दिया गया है। 10 हजार से अधिक डी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी करी गई है। इसके साथ अस्थाई कोविड केयर सेंटर तैयार किए गए हैं। ऑक्सीजन कंसट्रेटर बैंक बनाया गया है। इसकी डिलिवरी घर तक की जाएगी।
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तीसरी लहर को देखते हुए सरकार 57 अस्पतालों में ऑक्सजीन प्लांट लगाने वाली है। अभी तक 11 अस्पतालों में ये प्लांट लगाया जा चुका है। अगले दो माह के अंदर ये प्लांट लग जाएंगे। इस प्लांट की मदद से 35 हजार लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट, यानी कुल 64 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकेगा।
ऑक्सीजन प्लांट बनाने वालों को सब्सिडी
कोरोना की बीती लहर में ऑक्सीजन की किल्लत झेल चुकी दिल्ली सरकार राजधानी के अंदर ही ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर जोर दे रही है। इसके लिए सरकार लोगों को प्रोत्साहित कर रही है। लोगों को सब्सिडी देने की योजना बना रही है। दिल्ली सरकार की कैबिनेट में इस पर जल्द प्रस्ताव रखा जाएगा। दिल्ली में अभी कोई ऑक्सीजन प्लांट मौजूद नहीं है, जो लगा है वह अस्पतालों के अंदर है। दिल्ली दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है। सरकार ने आपात स्थिति से निपटने के लिए बफर स्टॉक तैयार कर रही है। इसकी क्षमता 271 मीट्रिक टन होगी। इसे लेकर पांच टैंकर खरीदने का ऑर्डर दिया गया है।