ये भी पढ़ेंः कोरोना के Mass Vaccination के लिए क्या है सरकार की योजना, यह रहीं विस्तृत गाइडलाइंस 30 करोड़ का टीकाकरण दरअसल केंद्र सरकार कोरोना वैक्सीन की स्वीकृति मिलने पर सामूहिक टीकाकरण (मास वैक्सीनेशन) अभियान शुरू करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पहले चरण के लिए भारत की 30 करोड़ जनसंख्या को चुना है।
विशेषज्ञ समूह ने चुने लोग इनमें 1 करोड़ स्वास्थ्य कर्मी, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा 27 करोड़ वो आम आदमी हैं जिन्हें विशेषज्ञ समूह द्वारा तय किए गए प्राथमिकता वाले समूहों से चुना गया है।
ये भी पढ़ेंः विशेषज्ञों ने दिया बड़े सवाल का जवाब- क्या कोई Vaccine 100 फीसदी कारगर हो सकती है? नई चुनाव मतदाता सूची से होगी पहचान बीते 12 दिसंबर को जारी किए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक लोकसभा और विधान सभा चुनाव में इस्तेमाल हुई नई सूची का इस्तेमाल 50 वर्ष या इससे ज्यादा आयु के लोगों की पहचान करने में किया जाएगा।
प्री-रजिस्ट्रेशन जरूरी टीकाकरण के लिए सूचीबद्ध किए गए लाभार्थियों की ट्रैकिंग के लिए कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए फोटो-पहचान दस्तावेज जरूरी होंगे।
ये भी पढ़ेंः एक्सपर्ट्स की चेतावनीः कोरोना वैक्सीन के दो माह बाद तक ना लगाएं शराब को हाथ आवश्यक दस्तावेज इनमें वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और पेंशन कार्ड जैसे दस्तावेज लगाए जा सकते हैं। वहीं, टीकाकरण स्थल पर पहले से रजिस्टर किए गए लाभार्थियों को ही निर्धारित प्राथमिकता के अनुसार टीका लगाया जाएगा।
एक सत्र में 100-200 का वैक्सीनेशन सरकार की योजना के अनुसार हर दिन हर सत्र में 100 से 200 लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। टीका लगाने के बाद कोई प्रतिकूल असर तो नहीं हो रहा, यह देखने के लिए 30 मिनट तक संबंधित व्यक्ति की निगरानी की जाएगी। हर टीकाकरण टीम में पांच सदस्य होंगी।
ये भी पढ़ेंः कहां बना था कोरोना वायरस? क्या किसी लैब में? सामने आई बड़ी जानकारी बड़ी जगह पर डबल वैक्सीनेशन गाइडलाइंस में बताया गया है, “अगर टीकाकरण स्थल पर पर्याप्त स्थान है, तो ऐसी स्थिति में एक और टीकाकरण अधिकारी 200 अन्य लाभार्थियों को टीका लगा सकता है।”