सैंकड़ों की संख्या में सड़क पर उतरे पुलिसवाले
वहीं दूसरी तरफ वकीलों का अब भी यही कहना है कि जब तक मारपीट करने वाले पुलिसवालों पर कोई एक्शन नहीं होगा, तबतक वो जिला अदालतों में हड़ताल पर रहेंगे और अपना काम नहीं करेंगे। आपको बता दें कि मंगलवार को दिल्ली पुलिस के जवानों ने आईटीओ स्थित पुलिस हेडक्वार्टर के सामने धरना-प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के बाद ही पुलिस के बड़े अधिकारियों ने इस मामले में तेजी दिखाई और शाम तक ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया।
घायल पुलिसवालों को मिलेंगे 25 हजार रुपए
पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर करीब 10 घंटे तक चले दिल्ली पुलिस के प्रदर्शन को देर शाम को खत्म किया गया। अधिकारियों ने जवानों को कार्रवाई का भरोसा दिलाया और उनकी सभी मांगों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, तब जाकर ये धरना प्रदर्शन खत्म हो सका। दिल्ली पुलिस ने अपने उन जवानों के लिए 25 हजार रुपये देने की बात कही है, जो तीस हजारी कोर्ट की हिंसा में घायल हो गए थे।
पूरे मामले पर गृह मंत्रालय ने बनाई हुई है नजर
आपको बता दें कि 2 नवंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पुलिसवालों और वकीलों के बीच पार्किंग विवाद को लेकर बहुत भयंकर झगड़ा हो गया था। इसके अगले दिन साकेत और कड़कड़डूमा कोर्ट में भी वकीलों ने पुलिसवालों को पीटा। मंगलवार को इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गृह सचिव के साथ बैठक की, उसके बाद मंत्रालय की ओर से कहा गया कि मामले की न्यायिक जांच चल रही है। जांच के नतीजे का इंतजार करना चाहिए।