रोजमर्रा लेनदेन के लिए सही नहीं है यह नोट-पीएम मोदी
बता दें कि जब नोटबंदी का फैसला लिया गया था उस समय नृपेंद्र मिश्र ही प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव थे। 2016 में की गई नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री मोदी नहीं चाहते थे कि इतना बड़ा नोट बाजार में उतरे। लेकिन शार्ट टर्म मूव के तौर पर इसे जारी करना पड़ा।उनके मुताबिक पीएम मोदी का मानना था कि 2000 का नोट, रोज के लेनदेन के लिए सही नहीं है।
यह एक बड़ी रकम होती है और इसे लेकर बाजार में उतरना लोगों के लिए आसान नहीं होता। क्योंकि दुकानदार इसे लेने से मना करते हैं। कारण है कि दुकानदार के पास भी इसका चेंज नहीं होता है। इसके अलावा यह कालेधन और टैक्स चोरी को भी बढ़ावा देता है। वह हमेशा यही चाहते थे कि कम कीमत के नोट बाजार में हो, जिससे आम लोगों को कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े।
आगे नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि आरबीआई ने 2000 के नोटों की छपाई पहले ही कम कर दी थी। इसके बाद 2000 के नोट लोगों के पास बहुत कम बचे थे। बहुत पहले से ही एटीएम से 2000 के नोट पर निकलने बंद हो गए थे। इन नोटों का पहले प्रसार कम किया गया और अब 30 सितंबर 2023 तक इन्हें पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया गया है। नृपेंद्र मिश्र के मुताबिक आरबीआई का यह कदम नोटबंदी जैसा नहीं है, बल्कि एक रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है।
ऐसे करा सकेंगे एक्सचेंज
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि 30 सितंबर तक ₹2000 के नोट प्रसार में बने रहेंगे। इसका मतलब यह हुआ कि जिनके पास इस समय ₹2000 के नोट हैं, उन्हें बैंक से इसे एक्सचेंज करना होगा। इसके लिए 23 मई से 30 सितंबर तक का वक्त निर्धारित किया गया है।भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)ने बैंकों को सलाह दी है कि आप किसी ग्राहक को अब ₹2000 के नए नोट नहीं देंगे।
दूसरा सवाल है क्या कोई भी ग्राहक सिर्फ उसी बैंक से ₹2000 के नोट बदल सकता है जिसमें उसका अकाउंट मौजूद हो। इसका जवाब देते हुए rbi ने साफ-साफ कहा है कि कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी बैंक के किसी भी ब्रांच से एक बार में ₹20000 तक की सीमा के ₹2000 के नोट बदलवा सकता है। यानी बैंक में खाता होना जरूरी नहीं है और नोट बदलवाने के लिए लोगों को कोई अतिरिक्त राशि नहीं देनी होगी। यह सुविधा पूरी तरह निशुल्क होगी।
जिनके पास नहीं है बैंक अकाउंट, वो ऐसे बदल सकेंगे 2000 रुपए के नोट
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