LG Anil Baijal ने Quarantine Center जाकर जांच कराने का आदेश किया रद्द
दरअसल, कोरोना वायरस प्रकोप के बीच लागू किए गए लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था को गर्त में धकेल दिया है। लॉकडाउन का सबसे बड़ा प्रभाव प्रवासी श्रमिकों पर पड़ा। भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों के न केवल रोजगार चले गए, बल्कि उनके सामने रोजी रोटी का भी संकट खड़ा हो गया। ऐसे में श्रमिकों के लिए रोजगार निर्माण के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘गरीब कल्याण रोजगार’ अभियान किया है।
Bihar में आकाशीय बिजली गिरने से 83 लोगों की मौत, PM मोदी ने जताया शोक
आपको बता दें कि 20 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड स्थित तेलिहार गांव से ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ नाम से रोजगार के एक मेगा प्रोग्राम का शुभारंभ किया था। कोरोना काल में दूसरे शहरों से अपने घर लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए 125 दिनों के रोजगार का यह कार्यक्रम देश के छह राज्यों के 116 जिलों में शुरू किया गया है, जिस पर 50000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
COVID-19: 24 घंटों में Corona के 16,000 मामले- महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना का दौरा करेगी टीम
अर्थव्यवस्था को कोरोना के असर से बाहर निकालने के लिए विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहन प्रदान करने को लेकर आत्म निर्भर भारत’ पैकेज की घोषणा की गई है। आपको बता दें कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश में लगभग 30 लाख प्रवासी कामगार-श्रमिक वापस आए हैं। उत्तर प्रदेश के 31 जनपदों में 25000 से अधिक प्रवासी कामगार-श्रमिक अपने-अपने घरों को लौटे हैं।