मोदी ( PM Narendra Modi ) ने ट्वीट किया, “सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें सादर नमन। उन्होंने सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
सामाजिक चेतना के लिए उनका संघर्ष देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।”
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कांग्रेस पार्टी ( Congress ) ने सावित्रीबाई फुले ( Savitribai Phule ) को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अथक परिश्रम किया और अपना जीवन जेंडर और जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करने के लिए समर्पित कर दिया।
कांग्रेस ने ट्वीट किया, “सावित्रीबाई फुले भारत में पहली महिला शिक्षक थीं और उन्हें देश में नारीवाद की जननी के रूप में भी जाना जाता है ।
राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा।” केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ( Harsimrat Kaur Badal ) और हरदीप सिंह पुरी ( Hardeep Singh Puri ) ने भी 1831 में इसी दिन जन्मी फुले को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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जहां बादल ने उन्हें ‘सामाजिक मानदंडों और क्षुद्र पूर्वाग्रहों पर सवाल उठाने वाली महिला’ कहा, वहीं पुरी ने फुले को ‘ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में महिलाओं के अधिकारों का चैंपियन’ कहा और उन्हें पुणे में भारतीय लड़कियों के पहले स्कूल की स्थापना के लिए याद किया। बादल ने ट्वीट किया, “सावित्रीबाई फुले ने सभी के लिए एक बेहतर, अधिक समान दुनिया के लिए लड़ाई लड़ी। उनकी जयंती पर, आइए उनकी विरासत को जीवित रखने का संकल्प लें।”
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फुले महाराष्ट्र की एक भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद और कवयित्री थीं। उन्हें भारत की पहली महिला शिक्षक माना जाता है और भारतीय नारीवाद की जननी भी। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।