पीएम मोदी ने Covid-19 को नियंत्रित करने के लिए वैक्सीन और ड्रग्स विकसित करने की दिशा में शिक्षाविदों, उद्योगवतियों, शोधकर्ताओं और भारतीय स्टार्ट-अप उद्यमियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने अपने—अपने हितों को साइड रख बेहतर कर दिखाने का प्रयास किया है।
अब तमिलनाडु सरकार ने लगाया कोरोना टैक्स, शराब की कीमतों में 15% का इजाफा ड्रग रेग्युलेटरी प्रणाली ( Drugs Regulatory System ) की क्षमता और नौकरशाही की कार्यप्रणाली को लेकर हुई अहम बैठक में उन्होंने कहा कि हमें तेजी से वैक्सीन और ड्रग्स बनाने की योजनाओं पर काम करने की जरूरत है। लेकिन नौकरशाही और उसकी कार्य प्रणालियां ही इस राह में बाधक है, जिसे दूर करने की जरूरत है।
उन्होंने वरिष्ठ नौकरशाहों से कहा कि भारतीय ड्रैग्स रेग्युलेटरी सिस्टम अजीब और बोझिल है। इसमें तत्काल और मौलिक बदलाव की जरूरत है। बता दें कि पीएम मोदी के साथ बैठक में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, कोरोना वायरस वैक्सीन डेवलपमेंट एक्सपर्ट, ड्रग डिस्कवरी शोधकर्ताओं, निदान और परीक्षण से जुड़े अधिकारी मौजूद थे।
पीएम ने कहा कि हमारे पास उच्चतम गुणवत्तायुक्त मानव बल, बेहतर मानक, तेजी से काम करने वाले अधिकारी व वैज्ञानिक हैं। इसके बावजूद हम बेहतर नहीं कर पा रहे हैं। इसका मतलब है कि हमें नियामक प्रणाली में सुधार करने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट : सरकार के ऊपर सुपर सरकार नहीं होनी चाहिए, ऐसी याचिका देखकर होता है दुख उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप में आपात की स्थिति इंसानों पर भी वैज्ञानिक परीक्षण को तत्काल करने की इजाजत है लेकिन हमारे यहां चूहों पर परीक्षण करने में दवा कंपनियों को महीनों लग जाते हैं। इसलिए हमें पुराने तौर तरीकों को बदलते हुए उसमें तेजी लाने की आवश्यकता है।
इस बैठक के बाद एक अधिकारी ने बताया कि पीएम मोदी शोध संस्थानों, उद्यमियों और सरकार के बीच गतिशील सहयोग और कम समय में बेहतर काम चाहते हैं।