विविध भारत

Corona से जंग में कारगर नहीं Plasma Therapy, AIIMS में हुई स्टडी में खुलासा

देशभर में तेजी से बढ़ रहा है Coronavirus का खतरा
AIIMS में हुई स्टडी में बड़ा खुलासा, Corona से जंग में Plasma Therapy से नहीं कोई फायदा
डॉक्टर बोले- सामान्य इलाज और प्लाज्मा थेरेपी में कोई खास अंतर नहीं मिला

Aug 06, 2020 / 06:26 pm

धीरज शर्मा

एम्स के डॉक्टर बोले- कोरोना से जंग में प्लाज्मा थेरेपी का नहीं दिखा कोई फायदा

नई दिल्ली। देशभर में लगातार कोरोना वायरस ( coronavirus ) अपने पैर पसार रहा है। देश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 19 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है, जबकि इस घातक वायरस के चलते अब तक 40 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना से जंग के लिए लगातार उपाए तलाशे जा रहे हैं।
हालांकि कोरोना से जंग में प्लाज्मा थैरेपी ( Plasma Therapy ) को काफी अहम माना जा रहा है, लेकिन इस बीच एम्स ( AIMS ) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ( Randip Guleria )ने बड़ा बयान दिया है।
एम्स डायरेक्टर ने बताया कि कोविड-19 ( Covid 19 ) के 30 मामलों में परीक्षण के दौरान प्लाज्मा थेरेपी का कोई ज्यादा फायदा नहीं नजर आया। एम्स डायरेक्टर के इस बयान ने नई बहस छेड़ दी है।
कोेरोना वयारस ने ली एक और दिग्गज नेता की जान, देशभर में शोक की लहर

ये है पूरा मामला
दरअसल एम्स के चिकित्सकों ने कोरोना संक्रमित दो समूहों के करीब तीस लोगों पर एक परीक्षण किया। इस दौरान एक समूह को सामान्य उपचार दिया गया जबकि दूसरे समूह को सामान्य उपचार के साथ-साथ प्लाज्मा भी दिया गया।
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के मुताबिक दोनों समूहों में मरने वालों की संख्या बराबर रही और मरीजों की हालत में भी कोई विशेष अंतर नहीं पाया गया। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि कोरोना के मामलों में प्लाज्मा थेरेपी को कोई खास फायदा नहीं है।
यही नहीं गुलेरिया ने ये भी कहा कि प्लाज्मा की भी सुरक्षा की जांच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि प्लाज्मा में पर्याप्त एंटीबॉडी होनी चाहिए जो कोविड-19 रोगियों के लिए उपयोगी हों।
एम्स के अलावा दिल्ली के आईएलबीएस के निदेशक एस के सरीन ने भी कहा कि आईएलबीएस में भी इस पर एक छोटा परीक्षण किया गया था और उसमें भी मृत्यु बचाने संबंधी कोई फायदे सामने नहीं दिखे।
आपको बात दें कि दिल्ली सरकार लगातार कोरोना से जंग में प्लाज्मा थेरेपी को फायदेमंद बता रही है। साथ ही कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों से ज्यादा से ज्यादा प्लाज्मा डोनेट करने को भी कह रही है। दिल्ली के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार भी प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दे रही है।
24 घंटे में चार बीजेपी नेताओं ने पार्टी से दिया इस्तीफा, पीछे थी बहुत बड़ी वजह

ये होती है प्लाज्मा थेरेपी
प्लाज्मा थेरेपी में खून के तरल पदार्थ या प्लाज्मा को रक्त कोशिकाओं से अलग किया जाता है। इसके बाद यदि किसी व्यक्ति के प्लाज्मा में अनहेल्थी टिशू मिलते हैं, तो उसका इलाज समय रहते शुरू किया जाता है।
इलाज के तहत कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीजों के रक्त से एंडीबॉडीज लिया जाता है और कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज को चढ़ाया जाता है ताकि उसके रोग प्रतिरोधक प्रणाली को वायरस से लड़ने के लिए तुरंत मदद मिल सके।

Hindi News / Miscellenous India / Corona से जंग में कारगर नहीं Plasma Therapy, AIIMS में हुई स्टडी में खुलासा

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.