ये भी पढ़ें: ममता को लगी चोट को लेकर भाजपा ने बताया नाटक, कांग्रेस ने कहा- सियासी पाखंड त्रिवेदी वर्ष 2011 से 2012 के बीच रेल मंत्री रहे थे। गोयल ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा में शामिल होने का निर्णय लेने से पहले त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की हार का अनुमान लगाया होगा। उन्होंने कहा, बतौर रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने बेहतर काम किया। मगर ममता जी ने उन्हें नाकाम किया।”
संसद के इतिहास में ऐसा पहली बार पीयूष गोयल के अनुसार “वह ममता बनर्जी की योजनाओं में उपयुक्त नहीं बैठते थे। संसद के इतिहास में अगर देखा जाए तो ऐसा मामला देखने को कम मिलता है, जब किसी राज्यसभा सांसद के कार्यकाल के पांच साल दो महीने बचे हों और उसने बिना भविष्य की चिंता छोड़पद छोड़ दिया हो।”