बता दें, 1930 से लेकर 1932 तक तीन गोलमेज कान्फ्रेंसें हुई थीं। इसमें उस समय भारत में हो रहे संवैधानिक सुधारों पर चर्चा होती थी। जानकारी के अनुसार, जिस तस्वीर की नीलामी हुई है, वो दूसरी गोलमेज कान्फेंस के बाद की है। इसमें गांधी जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा थे।
नीलामी करने वाली आरआर ऑक्शन के उपाध्यक्ष बॉबी लिविंगस्टन के अनुसार- मालवीय औपचारिक रूप से कांग्रेस के अध्यक्ष थे और गांधी जी के नेतृत्व में हुए असहयोग आंदोन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। तस्वीर उस समय की है, जब गांधी जी अंगूठे के दर्द से पीड़ित थे।
जानकारी के अनुसार- इस नीलामी में कार्ल मार्क्स का पत्र भी था, जिसे 53,509 डॉलर यानी लगभग 34 लाख रुपए में बेचा गया। नीलामी में साल 1903 में लिखा गया मशहूर लेखक टॉल्स्टॉय की चिट्ठी 21,450 डॉलर यानी करीब 14 लाख रुपए में नीलाम हुई। इसके अलावा मशहूर अमरीकी भौतिकशास्त्री वोल्फगैंग पौली का सन्न 1949 में लिखा गया एक पत्र 14,700 डॉलर यानी करीब 9.5 लाख रुपयों में बेचा गया। बता दें, फाइन ऑटोग्राफ्स एंड आर्टिफैक्ट्स नीलामी 17 फरवरी से शुरू हुई थी।
बॉबी अनुसार- इस तस्वीर की नीलामी से पता चलता है कि आज भी 20वीं शताब्दी में घटी घटनाओं का लोगों पर कितना प्रभाव है। वे आज भी उससे संबंधित दुर्लभ चीजों को सहेजकर रखना चाहते हैं।
गौर हो, इससे पहले ब्रिटेन में महात्मा गांधी का दुर्लभ पत्र भी नीलाम हो चुका है। यह पत्र उन्होंने साल 1943 में ब्रिटिश अधिकारियों को लिखा गया था, जिसमें उन्होंने अपनी नजरबंदी पर सरकार की ओर से की जा रही फिजूलखर्ची के संबंध में लिखा था।