कैसे हुआ खुलासा दरअसल, बेंगलुरु पुलिस ने डीजे हलाली पुलिस थाना क्षेत्र में हिंसा भड़काने के आरोप में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ( SDPI ) के नेता मुजामिल पाशा ( Mujamil Pasha ) को गिरफ्तार था। अभी तक की जांच में पुलिस को जानकारी मिली है कि मुजामिल पाशा ने ही एक कथित पोस्ट को पैगंबर साहब की अवमानना से के नाम पर भीड़ इकट्ठा की थी। भीड़ को जमा करने के बाद उसने हिंसा को भड़काने का काम भी काम किया।
लेकिन यह मामला एसडीपीआई नेता मुजामिल पाशा की इस हिंसक वारदात तक ही सीमित नहीं है। इस मामले में खास बात यह है कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI ) का राजनीतिक संगठन है।
EIA-2020 Draft : सोनिया गांधी ने PM पर साधा निशाना, कहा – पर्यावरण पर Modi का रिकॉर्ड सबसे खराब इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि नागरिकता संशोधन कानून (
CAA ) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जब दिल्ली में दंगे हुए तो उसमें पीएफआई का नाम सामने आया था। प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate ) ने पीएफआई पर भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया था।
दरअसल, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी से 26 फरवरी के बीच फैले हिंसक दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत में जो प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश की उसमें भी इस बात का जिक्र था कि दंगे में पीएफआई का भी हाथ था।
फरवरी, 2020 में हुए दिल्ली दंगे का मुख्य आरोपी आम आदमी पार्टी ( AAP) का निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ( Tahir Hussain ) को लेकर पुलिस का कहना था कि उसने कई कंपनियां बनाई हुई थीं। इन कंपनियों के माध्यम से उसने गैरकानूनी तरीके से दंगों के लिए एक करोड़ 12 लाख रुपए जुटाए। इसमें उसका साथ प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से भी मिला।
Coronavirus से जंग जीतने के लिए दुनिया के इस बड़े संगठन के पास भी नहीं हैं फंड! एसडीपीआई देशभर में एक्टिव जानकारी के मुताबिक एसडीपीआई पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ में विरोध प्रदर्शनों के आयोजन में बहुत सक्रिय था। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ( CM P Vijyan ) ने एसडीपीआई पर लोगों के बीच सीएए विरोधी प्रदर्शन का इस्तेमाल कर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था।
देश विरोधी गतिविधि में लिप्त है पीएफआई बता दें कि एसडीपीआई के मूल संगठन पीएफआई पर विभिन्न असामाजिक और राष्ट्र विरोधी ( anti national ) गतिविधियों का आरोप है। पीएफआई समूह के खिलाफ कुछ आरोप यह भी हैं कि विभिन्न इस्लामी आतंकवादी समूहों ( Terrorist Group ) के साथ उसके संबंध हैं।
सुनियोजित साजिश कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सीटी. रवि ने बेंगलुरु हिंसा को पूर्व नियोजित दंगा करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह हिंसक हमला मुस्लिम भीड़ ने पूर्वनियोजित तरीके से किया। जिस तरह से सोशल मीडिया पोस्ट के एक घंटे के भीतर हजारों लोग इकट्ठा हुए और विधायक के आवास से लेकर करीब सैकड़ों गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया, उससे साफ है कि यह पूरी तरह से सुनियोजित हिंसा थी।
PFI-SDPI का षडयंत्र भारतीय जनता पार्टी सांसद शोभा करंदलाजे ने दावा किया है कि पीएफआई-एसडीपीआई ने इस हिंसा का षड्यंत्र रचा। उन्होंने सिर्फ हिंदू मकानों को निशाना बनाया। साथ ही सार्वजनिक संपत्ति को आग लगाई।