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क्या कांग्रेस ने किया चीन से समझौता? सुप्रीम कोर्ट में सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ याचिका

Highlights.

सुप्रीम कोर्ट ( suprme court ) को बताया गया कि कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ( Communist Party of China ) के बीच हुआ था समझौता

ज्ञापन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कांग्रेस ( Indian National Congress ) की ओर से राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) के हस्ताक्षर हैैं।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका ( Petition In Supreme Court ) में मामले की जांच NIA से कराने की मांग।

 

Petition In Supreme Court against Sonia Gandhi and Rahul Gandhi

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी, इसकी अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Congress President Sonia Gandhi ) और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका ( Petition In Supreme Court ) दायर की गई है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से वर्ष 2008 में सत्तारूढ़ यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस पार्टी और चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के बीच हुए समझौते की जानकारी मांगे जाने की अपील की गई है। याचिका में इस समझौते को उच्च स्तरीय सूचना के आदान-प्रदान और सहयोग को लेकर हुआ बताया गया है।
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बताया गया है कि कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ( Communist Party of China ) के बीच हुए इस समझौते के ज्ञापन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और राहुल गांधी के हस्ताक्षर हैैं। सुप्रीम कोर्ट ( suprme court ) में याचिका के जरिये इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA ) से कराने की मांग भी की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक वर्ष 2008 में हुए इस समझौते की बारीकियों से कांग्रेस पार्टी ने देश को अंजान रखा। इसके साथ ही राष्ट्रहित से जुड़ी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की गई, जिसके कारण इस मामले की जांच कराना जरूरी हो जाता है।
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका गोवा क्रॉनिकल के संपादक सैवियो रोड्रिगेज द्वारा दाखिल की गई है। दिलचस्प बात है कि कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी के खिलाफ यह याचिका ऐसे नाजुक वक्त में सुप्रीम कोर्ट पहुंची है, जिस वक्त लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर भारी तनाव चल रहा है।
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गौरतलब है कि बीते 15-16 जून की दरम्यानी रात गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सेना के जवानों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, तमाम रिपोर्टों और सूत्रों में दावा किया गया है कि इस झड़प में चीन के भी तकरीबन 40 जवान मारे गए थे। हालांकि चीन ने अपने सैनिकों की मौत को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत-चीन सीमा पर तनाव को लेकर लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं और सवाल कर रहे हैं. चीन के साथ विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विपक्ष के कई नेता शामिल हुए थे. इस सर्वदलीय बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने चीन के साथ विवाद को लेकर मोदी सरकार से कई सवाल किए थे.
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इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है. पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाया था. कांग्रेस पार्टी ने पूछा था कि अगर चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसे, तो हिंसक झड़प कैसे हो गई और भारत के 20 जवान शहीद हो गए? राहुल गांधी ने कहा था कि सैटेलाइट तस्वीर से साफ होता है कि चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी.
इससे पहले कांग्रेस ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कार्य समिति की बैठक में भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। पीएम मोदी ने चीन की स्थिति को स्वीकार कर हमारी स्थिति को नष्ट कर दिया।
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राहुल गांधी ने कहा, “पीएम ने यह कहकर धोखा दिया है कि उन्होंने कोई भारतीय भूमि पर कब्जा नहीं किया। चीन को हमारी भूमि के इस अस्वीकार्य उपयोग से दूर होने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ किया जाना चाहिए कि हमारे शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं है। चीन ने जो कार्य किया है उसका एक कारण विदेश नीति की पूर्ण विफलता है। कूटनीति के स्थापित संस्थागत ढांचे को पीएम ने ध्वस्त कर दिया है। हमारे एक बार मित्रवत पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध अब खराब होने के कगार पर है। भारत को अमरीका और अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने चाहिए और अपने पुराने दोस्तों के साथ भी अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए।”

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