सरकार के नियमों की वजह से लोगों को हो रही है परेशानी
लॉकडाउन में भी लोगों को आपात स्थिति में घरों से बाहर निकलना पड़ रहा है। जैसे कि किसी बीमारी या फिर किसी के निधन की वजह से। इसके लिए लोगों को जिला मजिस्ट्रेस से पास इश्यू करवाना होता है, जो कि लोगों के लिए एक टीढ़ी खीर साबित हो रहा है और ये दिक्कत सरकार के सख्त नियमों की वजह से हो रहा है।
नोएडा प्रशासन नहीं समझा एक बेबस पति की तकलीफ
दरअसल, पहला नोएडा से सामने आया, जहां अभिनव भट्ट की पत्नी गर्भवती है, उन्हें डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाना पड़ता है। हाल ही में उन्होंने अपने माता-पिता के घर जाने के लिए नोएडा प्रशासन से अनुमति मांगी थी। 24 घंटे बाद जवाब आया कि उनकी अर्जी को नामंजूर कर दिया गया।
कैंसर पीड़ित मां के इलाज के लिए नहीं मिल रही अनुमति
इस तरह का एक मामला दिल्ली के मुनिरका से भी आया है। यहां आईआईएमसी के एक छात्र की मां कैंसर से पीड़ित है। उनके इलाज की अनुमति लेने के लिए बेटे को एड़ी चोटी का ज़ोर लगाना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन है कि इस बेटे की मजबूरी नहीं समझ रहा है। दिल्ली में ऐसा एक और मामला है। एम्स के बाहर इलाज कराने आए बहुत से लोग यहां इलाज कराने आए हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब वो यहां फंस गए हैं।
पिता के अंतिम संस्कार में जाने के लिए नहीं मिल रही अनुमति
सरकार की तरफ से इस बारे में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही नहीं एनसीआर में रहने वाले एक व्यक्ति को उसके पिता के अंतिम संस्कार में जाने के लिए पटना जाने के लिए बार-बार कोशिश करने के बावजूद भी लगभग 12 घंटे के बाद प्रशासन ने मंजूरी देने से मना कर दिया। वो बा- बार प्रशासनिक अफ़सरों को फ़ोन लगाता रहा। जिला कलेक्टर के यहां से जवाब मिला साहब रात में गश्त पर थे देर से आए हैं सो रहे हैं आप एडीएम साहब को फ़ोन करिए।
पत्रिका ने की अफसरों से बात
इस तरह के तमाम मामलों को लेकर पत्रिका न्यूज ने नोएडा और दिल्ली के प्रशासनिक अफ़सरों से बातचीत करने की कोशिश की। नोएडा के एडीएम को संदेश भेज कर इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया में जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी तरफ़ से कोई जवाब नही मिला। कई लोगों की ये भी शिकायत है कि जिन का जुगाड़ है उनका काम फॉर्म हो जा रहा है। हालांकि सरकार का दावा है कि ई पास की व्यवस्था की गई है जिससे कोई गड़बड़ी न हो।