इसी कड़ी में आज (शुक्रवार, 14 मई) हम एक ऐसी खबर लेकर आए हैं, जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आपके विश्वास को बढ़ाएगा। दरअसल, कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच तेजी के साथ टीकाकरण करने की कवायद की जा रही है, लेकिन कई राज्यों ने अपने यहां पर्याप्त वैक्सीन न होने की बात कही है, जिससे टीकाकरण में कई तरह की रुकावटें आ रही हैं।
लेकिन अब ये रुकावटें बहुत जल्द दूर हो जाएंगी। बताया जा रहा है कि जून महीने से कोविड-19 वैक्सीन की आपूर्ति में तेजी आने की संभावना है। सरकारी अधिकारियों ने इस बात से अवगत कराया है कि भारत को अगले सात महीनों में यानी दिसंबर तक वैक्सीन की 300 करोड़ डोज मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों के अनुमान के मुताबिक, मई में संभावित आपूर्ति के आंकड़े (8.8 करोड़ खुराक) है, जो कि जून तक लगभग दोगुना (15.81 करोड़ खुराक) हो जाएगी और अगस्त तक चार गुना (36.6 करोड़ खुराक) हो सकती है। सिर्फ दिसंबर में वैक्सीन की 65 करोड़ खुराकें उपलब्ध हो सकती हैं, जो मई की संख्या से सात गुना अधिक है।
पहले ये संभावना थी कि अगस्त और दिसंबर के बीच वैक्सीन की 268 करोड़ खुराक उपलब्ध हो सकते हैं, जो पहले के अनुमान से 52 करोड़ अधिक है। ऐसे में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की उम्मीद जगी है।
अगस्त से दिसंबर तक उपलब्ध होगी 216 करोड़ खुराक
नीती आयोग के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल जो कि कोविड -19 टीकों पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स के प्रमुख भी हैं, ने गुरुवार को बताया कि 216 करोड़ खुराक अगस्त से दिसंबर तक उपलब्ध होगी। एक प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने आठ टीकों का उल्लेख किया है। इनमें से वर्तमान में उपयोग की जा रही दो टीकों में से एक में महत्वपूर्ण वृद्धि हो रही है, जो 130 करोड़ लोगों के देश को अपने सभी नागरिकों को टीका लगाने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि योजना के सफल कार्यान्वयन से भारत को नए साल की शुरुआत में महामारी को हराने में मदद मिलेगी। अधिकारियों ने कहा कि अनुमान के मुताबिक, जून से दिसंबर तक भारत को वैक्सीन की 293.8 करोड़ खुराक मिल सकती है।
अधिकारियों ने कहा कि भारत बायोटेक के कोवैक्सीन का उत्पादन चार अन्य कंपनियां करेंगी। सरकार ने पहले कहा था कि भारत बायोटेक ने अन्य कई कंपनियों को शामिल करके खुराक के उत्पादन में तेजी लाने के उद्देश्य का स्वागत किया है।
भारत में स्पुतनिक-वी का टीका लगना शुरू
डॉ. पॉल ने गुरुवार को निर्धारित टीकाकरण योजना की रूपरेखा में कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के कोविशील्ड के अलावा छह टीकों (BioE, ज़ाइडस कैडिला, नोवावैक्स, भारत बायोटेक (an intranasal candidate), Genova mRNA और रूस के गामेल्या इंस्टीट्यूट की स्पुतनिक-वी) का उल्लेख किया है। इन 6 में से स्पुतनिक वी की पहली खेप भारत आ चुकी है और हैदराबाद में एक शख्स को इसकी पहली खुराक लगाई भी जा चुकी है। अधिकारियों के अनुसार, इस सूची में Pfizer-BioNTech, Johnson and Johnson, Moderna और China’s Sinopharm के टीके शामिल नहीं हैं।
अप्रैल में सरकार ने कुछ नियामकों को दी थी मंजूरी
अप्रैल में सरकार ने अमरीका, यूरोप, जापान और यूके में नियामकों या पहले से ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की आपातकालीन सूची में उल्लिखित नियामकों द्वारा कोविड -19 टीकों के आपातकालीन उपयोग के लिए सिफारिशों को मंजूरी दे दी थी।
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि जेएंडजे वैक्सीन बायोई द्वारा अलग से तैयार किया जाएगा और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही हैं। यह वैक्सीन भारत के लिए अगस्त से उपलब्ध हो सकता है (दिसंबर तक हर महीने पांच करोड़ खुराक)।
सितंबर में आ सकता है Covovax और Intranasal का टीका
SII का Covovax सितंबर से दिसंबर तक (दिसंबर तक हर महीने पांच करोड़ डोज) उपलब्ध होगा। सितंबर से दिसंबर तक, भारत बायोटेक के इंट्रानैसल उम्मीदवार की दस करोड़ खुराकें हर महीने उपलब्ध होंगी।
अधिकारियों ने कहा कि सरकार फाइजर और मॉडर्न के साथ बातचीत कर रही है और आयात निजी चैनलों के माध्यम से हो सकता है। भारत में विनिर्माण दिसंबर से पहले संभव नहीं हो सकता है। अधिकारियों ने कहा कि चीनी टीके की अनुमति नहीं दी जाएगी।
16 जनवरी को हुई थी टीकाकरण की शुरुआत
आपको बता दें कि भारत में 16 जनवरी से कोविड टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों, कोरोना वॉरियर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया। उसके बाद 60 साल से ऊपर की आबादी के लिए टीकाकरण को मंजूरी दी गई। तीसरे चरण में 1 मार्च से 18 साल से ऊपर के सभी आयुवर्ग के लोगों को टीका लगाने की अनुमति दी गई।
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फिलहाल, देश में बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू नहीं हुआ है। हालांकि, 2 साल से 12 साल तक के बच्चों में वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति दे दी गई है और मुमकिन है कि बहुत जल्द टीकाकरण की भी अनुमति मिल जाएगी। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत की 35% आबादी 0-14 वर्ष और 15 से 19 वर्ष के बीच की आयु की 10% है।