Patrika Positive News: ऑक्सीजन सप्लाई में ‘मुंबई मॉडल’ की क्यों हो रही तारीफ?
दिल्ली में कोरोना के नए मामले तेजी से कम हुए
दिल्ली में कोरोना के नए मामले तेजी से कम हुए हैं। पहले कोरोना के नए मामले बढऩे पर ऑक्सीजन की मांग बढ़ी थी। साथ थी ऑक्सीजन बेड की भी डिमांड थी। हालांकि अब ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड दोनों की मांग में कमी आई है। दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में पहले दिल्ली के अस्पतालों में कम से कम 700 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन की आवश्यकता थी। अदालत और केंद्र सरकार के सहयोग से 700 मीटर ऑक्सीजन एक ही दिन मिली। लेकिन पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलनी शुरू हो गई थी। पिछले 48 घंटे से दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं हुई।
केंद्र सरकार और हाईकोर्ट का धन्यवाद
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस पूरे सहयोग के लिए हम केंद्र सरकार और हाईकोर्ट का धन्यवाद करते हैं। इस सहयोग के कारण दिल्ली में हजारों व्यक्तियों की जान बचाई जा सकी। दिल्ली में अब ऑक्सीजन की आवश्यकता 582 मीट्रिक टन प्रतिदिन रह गई है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में लगभग 15 दिन पहले कोरोना के मामले बाढ़ की तरह बढ़ रहे थे। इसके साथ ही पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 35 फीसदी तक पहुंच गया था। दिल्ली में प्रतिदिन 80 हजार से लेकर 1 लाख कोरोना टेस्ट रोज हो रहे थे। इन कोरोना टेस्ट में एक दिन में लगभग 28 हजार व्यक्ति तक पॉजिटिव पाए गए। हालांकि अब इसमें गिरावट आई है। अगर आज गुरुवार की बात की जाए तो पॉजिटिविटी रेट 14 फीसदी आ चुका है। ”
देश में वैक्सीन पॉलिटिक्स हो या न हो लेकिन वैक्सीन शॉर्टेज
वैक्सीन की कमी को लेकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश में वैक्सीन पॉलिटिक्स हो या न हो लेकिन वैक्सीन शॉर्टेज है। वैक्सीन की कमी पूरे देश में है। कहीं न कहीं वैक्सीन 6.50 करोड़ वैक्सीन निर्यात किए जाने के कारण भी वैक्सीन की उपलब्धता में कमी आई है। मुझे उम्मीद है कि कंपनियों के साथ मिलकर केंद्र सरकार वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कुछ करेगी।