सेना की रणनीति पीएलए ( PLA ) के जवानों को इस बार ठंड में भी सबक सिखाने के मूड में है। भारत की इस रणनीति को एलएसी पर लंबे समय तक डटे रहने की नीति के रूप में देखा जा रहा है।
चीन को सबक सिखाने के लिए सेना का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक ऑपरेशन जारी, एलएसी पर वायुसेना अलर्ट युद्ध की रणनीति पर काम जारी सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक रोटेशन के आधार पर जवानों की तैनाती का मकसद सेना की युद्ध क्षमता को धार देना है। इसलिए उन्हें 2 से 3 महीनों में वहां से हटा दिया जाता है। पहले से ड्यूटी पर तैनात सैनिकों की जगह नए जवानों की तैनाती की जाती है।
नए जवानों की तैनाती पर जोर वर्तमान में वहां पर तैनात सैनिक 4 से 6 माह से तैनात है। इसलिए अब जो सैनिक वहां पहले से तैनात हैं उन्हें मैदानी इलाकों में भेजा जा रहा है। वहां नए सैनिकों को भेजने से पहले से उन्हें जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक सीमा पर इस समय सैनिकों की बढ़ाने के बदले नए जवानों की तैनाती पर जोर दे रहा है।
Rajnath Singh बोले – भारतीय सैनिकों की वीरता पर हमें गर्व होना चाहिए, जानें 10 प्रमुख बातें सीमा पर 50 हजार से ज्यादा सैनिक आपको बता दें कि दोनों देशों के 50 हजार से ज्यादा सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात हैं। सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर लगातार बातचीत हो रही है लेकिन आठ दौर की सैन्य वार्ता के बाद भी अभी तक कोई हल नहीं निकला है।