जानकारी के मुताबिक माल्या पर 13 भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ रुपए का कर्ज है। कर्ज नहीं चुकाने पाने और किंगफिशर एयरलाइन का कारोबार बंद होने के बाद वो देश छोड़कर लंदन चले गए। उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी माना जाता है। ब्रिटेन और भारत दोनों जगह उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। लंदन कोर्ट में सुनवाई के दौरान 13 भारतीय बैंकों की पैरवी कर रहे वकील ने कोर्ट को ये समझाने की कोशिश की कि माल्या की विदेशों में संपत्ति को फ्रीज करने के आदेश को वापस न लिया जाए। माल्या द्वारा अपनी संपत्ति को नष्ट करने से बैंकों को नुकसान का खतरा होता है, इसे लेकर ही वकील ने टीपू सुल्तान की तलवार का उदाहरण पेश किया। साथ ही उन्होंने इस बात का भी खुलासा नहीं किया है कि वो तलवार कहां है। दूसरी तरफ भारतीय बैंकों के अधिकारी इस बात के प्रयास में लगे हैं कि उन्हें भारत वापस लाया जाए। ताकि उनकी संपत्ति को नीलाम कर बैंक अपने पैसे की वसूली कर सकें।
लिकर किंग विजय माल्या के एक पूर्व सहयोगी का दावा है कि लिकर किंग ने इसे एक प्रतिष्ठित संग्रहालय को देने की कोशिश की थी, ताकि यह सुरक्षित रहे, लेकिन म्यूजियम ने इसे लेने से इंकार कर दिया था। अब यह साफ नहीं है कि तलवार कहां है। माल्या ने अप्रैल, 2016 में सुप्रीम कोर्ट में अपनी भारतीय संपत्ति के तहत इस तलवार को भी दिखाया था और इसकी तब कीमत 1.8 करोड़ रुपए बताई थी। ऐतिहासिक दृष्टि से टीपू के तलवार को एक तरह से ऐतिहासिक धरोहर भी माना जाता है।