इसी क्रम में पटना एम्स (Patna AIIMS) में कोरोना वैक्सीन (Coronavirus vaccine) का ट्रायल (Coronavirus vaccine Trial) शुरू हुए 1 महीना पूरा हो चुका है। पहले चरण में जिन लोगों पर ट्रायल हुआ वह पूरी तरह स्वस्थ है। उन पर अभी तक कोई साइड इफेक्ट (side effect) नहीं देखा गया है। डॉक्टर की मानें तो वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन यह करोना वायरस से लड़ने में कितनी असरदार साबित होगी इसका पता विश्लेषण बाद ही चलेगा।
15 जुलाई को शुरू हुआ था ट्रायल पटना एम्स में पहले डोज (First dose) के बाद एंटीबॉडी (Antibodies) जांच के लिए आईसीएमआर (ICMR) भेजा गया है। देश भर में सबसे पहले पटना एम्स में 15 जुलाई को वैक्सीन ट्रायल (Vaccine trial) शुरू हुआ था।
अगस्त के अंत तक पूरा होगा पहला चरण कोरोना संक्रमण से निजात पाने के लिए देशभर के अस्पतालों समेत पटना एम्स में जिन लोगों पर ट्रायल चल रहा है। उसका पहला चरण अगस्त महीने के अंत में पूरा होगा। आठ लोगों को अभी तक वैक्सीन की डोज दी गई है। बताया जा रहा है कि कम से कम और 50 लोगों पर इसका ट्रायल होगा।
14 दिन बाद दी जाएगी दूसरी डोज देश भर में 375 लोगों पर वैक्सीन ट्रायल चल रहा है। पटना एम्स के अधीक्षक के अनुसार जिन लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है, उन्हें 14 दिन बाद दूसरी डोज दी जाएगी। 28 दिनों के बाद वैक्सीन के असर पर अध्ययन किया जाएगा, जिसमें यह देखा जाएगा कि वैक्सीन के कारण किसमें कितना एंटीबॉडी विकसित हुआ है।
आईसीएमआर को भेजी जाएगी रिपोर्ट अध्ययन की रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजी जाएगी। देश में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आईसीएमआर की देखरेख में भारत बायोटेक ने कोरोना की वैक्सीन विकसित की है।
18 से 55 साल के लोगों पर होगा ट्रायल
पटना एम्स समेत देश के 13 संस्थानों में सात जुलाई से ही वैक्सीन का ट्रायल शुरू है। पटना एम्स इसके लिए अलग-अलग डॉक्टरों की टीम गठित की गई है। 18 से 55 वर्ष के लोगों को ट्रायल के लिए आमंत्रित किया गया है। जिन्हें वैक्सीन दी गई थी, वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई है।