कोरोना वैक्सीन की दो डोज के बाद भी लोग हो रहे हैं संक्रमित
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए शुरू किए गए कोरोना वैक्सीनेशन के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। तमाम ऐसे लोग हैं जो वैक्सीन के दो डोज लगवाने के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं।
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नई दिल्ली। लखनऊ के पॉश गोमती नगर इलाके में रहने वाले एक सफल डॉक्टर दंपति ने पिछले महीने कोरोना की दोनों खुराकें ली थीं और अपने निजी क्लीनिक में काम शुरू कर दिया था। लेकिन दोनों एक बार फिर से कोरोना संक्रमित पाए गए। दंपति की उम्र 60 वर्ष से ऊपर है। परिवार के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर एक समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि वह और उनके बच्चे अब कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। कुछ दिन पहले वह अपने माता-पिता से मिलने गए थे।
ये भी पढ़ेंः कोरोना वैक्सीन एक साल में हो सकती है बेअसर, दुनियाभर के विशेषज्ञों की बढ़ गई चिंता वे अकेले नहीं है। लखनऊ से खबरें हैं कि वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) विपिन पुरी सहित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के कम से कम 40 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से अधिकतर ने वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली हैं।
चिंताजनक रूप से, यह पिछले अगस्त के बाद से दूसरी बार है कि कुलपति पुरी वायरस से संक्रमित हुए हैं, यह दर्शाता है कि पुन: संक्रमण भी हो रहा है। उन्हें 25 मार्च को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी गई थी।
सतीश कौल, एचओडी और निदेशक, आंतरिक चिकित्सा, नारायण अस्पताल, गुरुग्राम ने कहा कि टीका मूल रूप से बीमारी की गंभीरता से सुरक्षा प्रदान करता है। कौल ने बताया, “यह हमें क्रानिकली बीमार होने से बचाता है। यह हमें आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट से भी बचाता है और मानव शरीर में बीमारी के तंत्र को कमजोर करने में मदद करता है।”
“इसलिए, टीका लाभार्थियों को मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी है। दूसरे डोज के बाद भी सावधानी बरतनी जरूरी है। खासकर के दो सप्ताह तक सभी एहतियाती कदम उठाने जरूरी हैं।” मेदांता-द मेडिसिटी गुड़गांव की संक्रामक रोग विशेषज्ञ नेहा गुप्ता के अनुसार, टीकाकरण कोरोनावायरस के खिलाफ 100 प्रतिशत प्रतिरक्षा की विश्वास नहीं देता है। “हालांकि, वैक्सीन महामारी की गंभीरता को कम कर देती है। कोविड-उचित सावधानी जारी रखना महत्वपूर्ण है।